Anger Over Non-Payment and Exclusion of NGOs in Bihar s Mid-Day Meal Scheme रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देकर मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने की मुखर हुई मांग, Purnia Hindi News - Hindustan
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रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देकर मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने की मुखर हुई मांग

-फोटो : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार राज्य विद्यालय रसोईया यूनियन ( एटक) का जिला सम्मेलन रंग भूमि मैदान में संपन्न हुआ। सम्मेलन में रसोइयों

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाWed, 21 May 2025 05:30 AM
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रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देकर मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने की मुखर हुई मांग

-एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने के साथ साल के 12 माह का वेतन भुगतान नहीं होने पर जताया आक्रोश -बिहार राज्य विद्यालय रसोईया यूनियन (एटक) के पूर्णिया ज़िला सम्मलेन में सरकारी संवेदनहीनता पर जताया गया चिंता पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार राज्य विद्यालय रसोईया यूनियन ( एटक) का जिला सम्मेलन रंग भूमि मैदान में संपन्न हुआ। सम्मेलन में रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने,मानदेय 1650 रुपया से बढ़ाकर तत्काल 10 हजार रुपये ,एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने और 10 माह नहीं साल के 12 माह का मानदेय देने से संबंधित मांगें पारित की गई। जिला सम्मेलन में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया यूनियन (एटक) की पूर्णिया जिला इकाई का गठन किया गया।

सम्मेलन के उपरांत रसोईयों ने रंगभूमि मैदान से डीपीओ मध्याह्न भोजन योजना कार्यालय तक रैली निकाली। मौके पर डीपीओ मध्याह्न भोजन शशि चंदन चौधरी से शिष्टमंडल ने मुलाकात भी की। इस दौरान डीपीओ मध्याह्न भोजन ने सभी रसोइयों को जल्द पहचान पत्र निर्गत करने के साथ रसोइयों की समस्यों से सरकार और शिक्षा विभाग को अवगत कराने का आश्वासन दिया। -रंगभूमि मैदान से डीपीओ मध्याह्न भोजन कार्यालय तक निकाली रैली : -पूर्णिया जिला के सभी प्रखंडों के काफी संख्या में रसोइया रंगभूमि मैदान में एकत्रित होकर सम्मेलन को सफल बनाने में जुटे रहे। सम्मलेन में इस बात पर जोर दिया गया कि रसोईयों को लोकतान्त्रिक देश में एक लोकतांत्रिक संगठन का निर्माण करना होगा और इस दिशा में सम्मलेन एक ज़रूरी कदम है। सम्मेलन में रसोइयों ने अपने मानदेय में वृद्धि के सवाल के साथ साथ रसोईया के प्रति सरकार की संवेदनहीनता पर चिंता प्रकट की गई और सवाल उठाया गया कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय दिया जाना क्या नैतिक है। सरकार 1650 रुपये रसोईयों को वर्ष के 12 माह के बजाए 10 माह ही मानदेय के रुप में भुगतान करती है, जो सरकार की संवेदनहीनता का दर्शा रही है। सम्मलेन में रसोइया और रसोइया यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अररिया की रसोइया यूनियन से आये अररिया नगर के वार्ड पार्षद पार्षद रणजीत पासवान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि रसोइया एकता ही उसके सम्मानजनक ज़िंदगी का रास्ता है। प्रदेश सचिव चाद्रिका सिंह चौहान ने भी अपनी बातचीत में सरकार के रसोइया के प्रति उदासीनता को सामने लाया। यूनियन की प्रदेश महासचिव कामायनी स्वामी ने एक राज्यव्यापी आन्दोलन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी रसोइया को याद दिलाया कि रसोइया को अपनी जीविका और सम्मान के मुद्दों पर ही अपना वोट देना चाहिए। सम्मलेन में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया यूनियन (एटक) की पूर्णिया जिला इकाई का गठन किया गया। 19 सदस्यीय कमिटी में संगीता कुमारी, सुनीता कुमारी, विष्णु पासवान, सरोज कुमार, मीनू दास, किरण देवी, अनमोल मेहता, रंजीत सिंह, अध्यक्ष प्रो आलोक कुमार, बबलू गुप्ता, मनीष कुमार, कपिल देव कुमार व मो सहीम शामिल हैं।

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