जीवन शैली में बदलाव कर दूर करें डायबिटीज
-फोटो : 39 : 0 पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। देश को डायबिटीज व कार्डियक बीमारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से पूर्णिया में चिकित्सकों को बीमारी से

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। देश को डायबिटीज व कार्डियक बीमारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से पूर्णिया में चिकित्सकों को बीमारी से जुड़ी नयी शोध को बताया। इतना ही नहीं दवा की नई जानकारी को लेकर एक किताब का भी प्रकाशन किया गया। किताब को डॉ. मृत्युंजय कुमार ने सम्पादित किया है। इस अवसर पर चीफ पेट्रोन डॉ. देवी राम ने बताया कि डायबिटीज व कार्डियक की बीमारी होने का एक महत्वपूर्ण कारण मोटापा हैं। जिसे दूर करने की जरूरत है। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. आरके मोदी ने बताया कि डायबिटीज व हृदय रोग की बीमारी का जन्म बचपन से ही हो जाती है। इसलिए बच्चों के जीवन शैली में बदलाव कर दिया जाए तो डायबिटीज मुक्त भारत बनने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने स्कूल स्कूल जा कर बच्चों को जागरूक करने का प्रयास किया है। ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य बढ़ती कार्डियक व डायबिटीज की समस्या पर गहन मंथन की जाएगी। डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों की सही देखभाल नहीं कर पाने के कारण उनके पैर में घाव हो जाते हैं। उसकी देखभाल व चिकित्सा को लेकर छह अप्रैल को लाइव डेमो दिखाया जाएगा। जिसमें मंच पर कुछ मरीजों का ऑपरेशन कर दिखाया जाएगा। डॉ निशिकांत ने बताया कि कॉन्फ्रेंस की शुरुआत सुबह नौ बजे हो गई। देश भर के 100 से अधिक चुनिंदा चिकित्सकों ने दिल की बीमारी एवं मधुमेह पर अपना शोध प्रस्तुत करने के बाद इस पर चर्चा की। सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधि पूर्णिया पहुंचे और चर्चा में हिस्सा लिया। कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेकर नयी तकनीकी का लाभ उठाया। डॉक्टरों को नई दवा और नई गाइडलाइन से अवगत कराया गया। सीसीडीएसआई के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. आर.के.मोदी ने अपना पदभार सीसीडीएस आईकोन के वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. बीके सिंह को दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. बिनोद धारेवा, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. निशिकांत एवं डॉ. राखी ने किया। इस अवसर पर डॉ. अरविन्द, डॉ. एके पाठक, डॉ. सादिक, डॉ. वाणी कुमार, डॉ. चंदन कुमार सिंह, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. इम्तियाज भारती एवं डॉ. सुजीत कुमार मिश्रा उपस्थित थे। इस दौरान डॉ. सुमित कुमार ने एक्यूट कोरोनरी में नई जानकारी सिंड्रोम के बारे में बताया। डॉ. विकास कुमार ने हार्ट फैल से संबंधित नयी जानकारी दी। इस चर्चा के चैयरपर्सन गया के डॉ. के के लोहानी, पूर्णिया के डॉ. एसके सिंह , डॉ. शौकत अली थे। रांची के डॉ. गगन गुंजन (रांची) मधुमेह फेफड़े-छिपे हुए संबंध को उजागर करना एवं दरभंगा के डॉ. एससी झा ने टीटुडीएम में व्यायाम का नुस्खा क्या नया है विषय पर प्रकाश डाला गया। दो अलग-अलग व्याख्यान में चेयरपर्सन डॉ. यूबी सिंह, डॉ. इम्तियाज भारती, डॉ. प्रवीण कुमार सिंह एवं दूसरे व्याख्यान में डॉ. देवी राम, डॉ. एसपी सिंह रहे। इन्दौर की डॉ. सुनीता मिश्रा एवं सिल्लीगुड़ी के डॉ अरूधंती के व्याख्यान में चैयरपर्सन डॉ. विभा झा, डॉ. अनुराधा सिन्हा, डॉ. अंजू कर्ण, डॉ. आरती सिन्हा थी।
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-बेसिक लाइफ सपोर्ट (डीएलसी) पर ध्रुव उद्यान में वर्कशॉप :
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पूर्णिया। क्लीनिकल कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के तहत सीसीडीएस आईकोन 2025 के दूसरे दिन सुबह में स्थानीय ध्रुव उद्यान में बेसिक लाइफ सपोर्ट (डीएलसी) पर एक वर्कशॉप आयोजित किया गया। जिसमें लोगों को जीवन रक्षक तकनीकों और आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करने के तरीके के बारे में बताया गया। इस वर्कशॉप का संचालन डॉ. सुजीत कुमार मिश्रा एवं डॉ. इम्तियाज ने किया। ऑर्गनाइजिंग सचिव डॉ. आरके मोदी ने बताया कि बीएलएस का उपयोग जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली आपातकालीन स्थिति का सामना कर रहे व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है। बीएलएस तकनीक का उपयोग व्यक्ति के वायुमार्ग, श्वास और रक्त संचार को तब तक बनाए रखने के लिए किया जाता है जब तक कि उसे अधिक उन्नत चिकित्सा देखभाल प्रदान नहीं की जा सकती। इस वर्कशॉप में जीएमसीएच के मेडिकल छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को हृदयाघात होने की स्थिति में कोई व्यक्ति को क्या करना चाहिए चित्रण किया गया। इस नुक्कड़ नाटक में मेडिकल कॉलेज के डॉ. चंदन कुमार, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. गौरव मिश्रा, डॉ. महेश कुमार यादव, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. शुभम कुमार आदि थे।
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