New Pediatric Intensive Care Unit PICU Opens for Serious Children in Purnia Medical College गंभीर बच्चों के उपचार के लिए लिए पीकू वार्ड तैयार, Purnia Hindi News - Hindustan
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गंभीर बच्चों के उपचार के लिए लिए पीकू वार्ड तैयार

-हिन्दुस्तान खास : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक से 12 वर्ष तक के गंभीर बच्चों के लिए शिशु गहन चिकि

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाWed, 23 April 2025 03:42 AM
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गंभीर बच्चों के उपचार के लिए लिए पीकू वार्ड तैयार

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक से 12 वर्ष तक के गंभीर बच्चों के लिए शिशु गहन चिकित्सा इकाई पीकू की सुविधा शुरू होगी। इसके लिए बच्चा विभाग में अलग से सुविधा सुनिश्चित की गई है। इस सुविधा में पांच बेड लगाए गए हैं। यह पूरी तरह से एयर कंडीशनर है। चिकित्सकों की मानें तो इस सुविधा से अब एक से 12 वर्ष तक के गंभीर बच्चों को हाईटेक रूप में उपचार की सुविधा मिल सकती है। 12 वर्ष तक के बच्चों को पूरी तरह से उपचार की सुविधा यहां मिलेगी। ऐसे बच्चों को पहले बाहर रेफर कर दिया जाता था।

गंभीर बच्चों के लिए लगाया गया है जरूरी उपकरण

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू होने वाले पीकू वार्ड में कई जरूरी उपकरण लगाए गए हैं। इस वार्ड में मल्टीपारा मॉनिटर की सुविधा है। इसके जरिए पल्स और ऑक्सीजन की स्थिति देखी जा सकती है। इनके अलावा सिरिंच पम्प है। इसके जरिए बच्चों को फ्लूड और मेडिसिन की सुविधा प्रदान की जा सकती है। पीकू को पूरी तरह से सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप की सुविधा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार से ऑक्सीजन देने की परेशानी सामने नहीं आये। पीकू केन्द्र में वेंटिलेटर की सुविधा है। इनके साथ-साथ ग्लूकोमीटर, सेक्शन मशीन आदि भी लगी हुई है। इस पांच बेड की सुविधा में तीन बेड पर वेंटिलेटर दी गई और दो बेड सामान्य होने की स्थिति में रखी गई है।

गंभीर रोगी को मिलेगी उपचार की सुविधा

बच्चा विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ. प्रेम प्रकाश ने बताया कि पीकू की सुविधा से सीरियस बच्चे को उपचार की सुविधा मिलेगी। इनमें अनकंसस और बेहोशी की स्थिति वाले बच्चे शामिल हैं। इसे आईसीयू की जरूरत है। सिवियर निमोनिया है। बच्चों को डायबिटीज व दिमागी बुखार है। हेपेटाइटिस की परेशानी है। ऐसे बच्चों को मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। कोई ऐसे बच्चे जो अनस्टेबल है। इसे स्टेबल की जरूरत है। ऐसे बच्चों को भर्ती कर समुचित उपचार की सुविधा मिलेगी।

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