Purnia Launches Automated Driving Test for Licenses with 13 Sensors ऑटोमेशन मशीन से ड्राइविंग टेस्ट का हुआ ट्रायल, मशीन बताएगी चालक की दक्षता, Purnia Hindi News - Hindustan
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ऑटोमेशन मशीन से ड्राइविंग टेस्ट का हुआ ट्रायल, मशीन बताएगी चालक की दक्षता

-फोटो: 04 : ऑटोमेशन मशीन से ड्राइविंग टेस्ट का हुआ ट्रायल पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। परिवहन विभाग के जिले में स्थापित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक प

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSun, 13 April 2025 02:36 AM
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ऑटोमेशन मशीन से ड्राइविंग टेस्ट का हुआ ट्रायल, मशीन बताएगी चालक की दक्षता

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। परिवहन विभाग के जिले में स्थापित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर लगे ऑटोमेशन मशीन से शनिवार को ड्राइविंग टेस्ट का ट्रायल शुरू हुआ। विभागीय हरी झंडी के बाद अब पूर्णिया में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑटोमेशन मशीन से परीक्षण को फंक्शनल कर दिया। जिससे डीएल बनाने में परदर्शिता के साथ दलाली की शिकायत पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा। बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए विभाग की ओर से सूबे के हर जिले में ऑटोमेशन मशीन से ड्राइविंग टेस्ट करवाने का निर्णय लिया गया है। अब तक महज पटना और औरंगाबाद जिले में मशीन से परीक्षण के बाद डीएल बनाने की व्यवस्था थी। इस फेज में पूर्णिया समेत पांच प्रमंडलीय मुख्यालयों में ऑटोमेशन मशीन लगवाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। पूर्णिया में मशीन स्थापित करने का काम पूरा कर लिया गया है।

सेंसर लगे 13 कैमरों से होगी दक्षता की परीक्षा

ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर 13 कैमरे लगाए गए हैं। सभी कैमरे में सेंसर लगे हुए हैं। कैमरे चालकों की दक्षता की परीक्षा लेंगे। मसलन अब कैमरे तय करेंगे कि आप ड्राइविंग में कितने एक्सपर्ट हैं। कैमरे की नजर में अगर आप पास हैं तो डीएल मिल जाएगा, वरना फिर से स्लॉट बुक कर परीक्षण के सभी दौर से गुजरना होगा। लिहाजा डीएल बनवाना अब उतना सहज नहीं रह जाएगा। खासकर परीक्षण की प्रक्रिया को बायपास कर डीएल प्राप्त करने के दिन अब पूरी तरह लद जाएंगे।

ऐसे होगा काम

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लगने वाले चालान के साथ स्लॉट बुकिंग के पश्चात चालक को टेस्टिंग ट्रैक परिसर में बने केबिन में जाना होगा। यहां परिवहन विभाग के अधिकारी के समक्ष बायोमैट्रिक सिस्टम के जरिए उनकी फोटोग्राफी होगी। फिर सिस्टम से कनेक्टेड कैमरे से चार चक्का एवं बाइक के ट्रैक पर चालक की तस्वीर ली जाएगी। बाइक चालकों की पहले खुले चेहरे एवं बाद में हेलमेट पहनाकर फोटोग्राफी होगी। इसके बाद उन्हें ट्रैक पर जाना होगा। इसके बाद जगह-जगह लगे सेंसर युक्त कैमरे वाहनों की गतिविधि कैद कर चालक के पास और फेल होने का सर्टिफिकेट देंगे।

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