Establishment of Forensic Science Laboratory in Samastipur to Enhance Criminal Investigation एफएसएल लैब शीघ्र शुरू होने की आस, जांच में आएगी तेजी, Samastipur Hindi News - Hindustan
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एफएसएल लैब शीघ्र शुरू होने की आस, जांच में आएगी तेजी

समस्तीपुर में आपराधिक मामलों के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। यह प्रयोगशाला पुलिस लाइन में लगभग 90 फीसदी तैयार है और कुछ महीनों में शुरू होगी। यह स्थानीय स्तर...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरFri, 18 April 2025 01:53 AM
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एफएसएल लैब शीघ्र शुरू होने की आस, जांच में आएगी तेजी

समस्तीपुर। आपराधिक वारदातों का वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करने के लिए समस्तीपुर में विधि वज्ञिान प्रयोगशाला (एफएसएल) को स्थापित किया जा रहा है। पुलिस लाइन परिसर में इसका भवन करीब 90 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। आने वाले कुछ माह में इसे शुरू कर दिया जाएगा। इस प्रयोगशाला के यहां बनने से जिले भर में कोई वारदात होने पर यहीं से टीम घटनास्थल पर जाकर जांच करेगी और प्रयोगशाला में रिपोर्ट तैयार करेगी। इससे वारदात होने के बाद जांच प्रक्रिया शुरू करने में समय की बर्बादी नहीं होगी। बता दें की नए आपराधिक कानूनों के तहत सात साल से अधिक की सजा वाले मामलों में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दी गई है। जिसके कारण सैंपल जांच की मांग में तेजी आई है। इस मांग को पूरा करने के लिए अब जिले में ही आधुनिक सुविधाओं से लैस विधि वज्ञिान प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। नर्मिाण कार्य पूरा होने के बाद यहां फॉरेंसिक जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें तुलनात्मक माइक्रोस्कोप, बुलेट पुलर, हॉट एयर ओवन, डिजिटल वेटिंग बैलेंस, यूवी लैम्प, रेफ्रिजरेटर, इंक्यूबेटर, फायरिंग बॉक्स और पीएच मीटर जैसे उपकरण शामिल हैं, जो विभन्नि प्रकार की जांचों को तेज और सटीक बनाएंगे।

जांच के लिए नहीं जाना पड़ेगा मुजफ्फरपुर: अभी समस्तीपुर में मोबाइल फोरेंसिक लैब कार्यरत है, जो अपराधों से जुड़े फिंगरप्रिंट, मोबाइल डेटा, हथियारों, खून, बाल, कपड़े और अन्य फॉरेंसिक साक्ष्य का सैंपल संग्रह कर जांच के लिये मुजफ्फरपुर भेजती है।

इसमें एक से दो हफ्ते का समय लग जाता है, जिसके कारण अपराध अनुसंधान में देरी होती है और कई बार अपराधियों को सजा दिलाने में बाधा आती है। पुलिस लाइन परिसर में एफएसएल लैब शुरू होने के बाद सैंपल जांच स्थानीय स्तर पर होगी, जिससे अनुसंधान में तेजी आएगी और अपराधियों को पकड़ने व अदालत में पुख्ता साक्ष्य पेश करने में मदद मिलेगी। खासकर हत्या, दुष्कर्म, चोरी और हथियारों से जुड़े मामलों में वैज्ञानिक जांच से पुलिस की कार्रवाई और भी मजबूत होगी। अब तक पुलिस को अपराधियों के फिंगरप्रिंट सैंपल और अन्य फॉरेंसिक साक्ष्य जांच के लिए मुजफ्फरपुर स्थित एफएसएल लैब पर नर्भिर रहना पड़ता था। मुजफ्फरपुर में अन्य जिलों से भी सैंपल भेजे जाते हैं, जिससे जांच प्रक्रिया लंबी हो जाती थी।

पुलिस लाइन में जल्द खुलेगा पालना घर

पुलिस लाइन उपाधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में पुलिस लाइन में पालना घर की भी शुरुआत की जाएगी। इसके लिये कमरा भी चह्निति कर लिया गया है। अब पुलिस विभाग में कार्यरत महिला और पुरुष पुलिसकर्मी अपने छोटे बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना पूरी तन्मयता से ड्यूटी कर सकेंगे। यह पहल खास तौर पर उन महिला पुलिसकर्मियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, जन्हिें ड्यूटी और बच्चों की देखभाल के बीच संतुलन बनाने में परेशानी होती थी। अब वह अपने बच्चों को पालना घर में छोड़कर नश्चितिं होकर अपने कार्य पर ध्यान दे सकेंगे। पालना घर में बच्चों की देखभाल के लिए प्रशक्षिति सहायिकाएं तैनात की जाएगी, साथ ही बच्चों के खेलने, पढ़ने और आराम करने की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इस सुविधा से पुलिस बल की कार्यक्षमता और मनोबल दोनों में वृद्धि होगी।

जांच का अहम हस्सिा एफएसएल

दरअसल, नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एफएसएल पुलिस जांच का अहम हस्सिा हो गया है। सात साल से अधिक सजा वाले अपराध में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दी गयी है। पहले यह अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में एफएसएल जांच के प्रदर्शों के सैंपल की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

अभी समस्तीपुर में मोबाइल फोरेंसिक लैब कार्यरत है, जो अपराधों से जुड़े साक्ष्य का सैंपल संग्रह कर जांच के लिए मुजफ्फरपुर भेजती है। इसमें समय लग जाता था। समस्तीपुर पुलिस लाइन में एफएसएल भवन अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी। इससे समय की भी बचत होगी व केस नष्पिादन में भी तेजी आएगी। हत्या, रेप, डकैती जैसे संगीन अपराध में कुशल और सटीक अनुसंधान के लिए एफएसएल की रिपोर्ट बेहद अहम होती है।

-सुनील कुमार सिंह, डीएसपी, पुलिस लाइन

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