टीचर पत्नियों का ट्रांसफर कर दिया, पति से क्या दिक्कत है; शिक्षा मंत्री पर बरस गए भाजपा MLC
बिहार विधान परिषद में शिक्षकों के ट्रांसफर का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि सरकार ने पत्नियों का स्थानांतरण कर दिया लेकिन पतियों के आवेदन पर विचार नहीं किया गया।

बिहार में टीचर ट्रांसफर को लेकर सियासत चरम पर है। विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान भी यह मुद्दा लगातार गूंजता रहा। सत्र के आखिरी दिन विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एमएलसी ने अपनी ही सरकार को इस मुद्दे पर घेर लिया। बीजेपी के नवल किशोर यादव ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से कहा कि सरकार ने पत्नियों का ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन पतियों का नहीं किया गया। सरकार को पतियों से क्या दिक्कत है?
बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने गैर सरकारी संकल्प के जरिए शिक्षकों के तबादले के मुद्दे को सदन में रखा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 से 12 हजार शिक्षकों का ट्रांसफर किया है। इनमें अधिकतर महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि पति की पोस्टिंग के आधार पर जिन पत्नियों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन की मांग की थी, उनका ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं, जिन पतियों ने अपनी पत्नी की पोस्टिंग के आधार पर तबादले की मांग की थी, उनका नहीं किया गया। हमें समानता का अधिकार है। बता दें कि नवल किशोर खुद प्रोफेसर हैं और उनकी पत्नी शिक्षिका हैं।
बीजेपी एमएलसी ने तंज कसते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने 10-12 हजार शिक्षकों के ट्रांसफर में इतना समय लगा दिया, तो डेढ़ लाख आवेदनों पर विचार करते हुए तो 4-5 साल लग जाएंगे।
नवल किशोर यादव के सवाल पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि विभाग को 1.90 लाख शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन पर चरणबद्ध तरीके से विचार किया जा रहा है। जल्द से जल्द सभी शिक्षकों को तबादला आवेदन पर विचार होगा।