अमेरिका से डील की तैयारी में भारत, टैरिफ गैप पर ट्रंप प्रशासन को दिया बड़ा ऑफर
भारत ने अमेरिका के साथ अपने टैरिफ गैप को लगभग 13% से घटाकर 4% से कम करने को कहा है। दरअसल, दोनों देश एक समझौते को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए भारत ने यह ऑफर दिया है।
भारत ने अमेरिका के साथ अपने टैरिफ गैप को घटाकर 4 पर्सेंट से भी कम करने का ऑफर दिया है। मौजूदा समय में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ गैप करीब 13 पर्सेंट है। दो सूत्रों के हवाले से यह बात रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही डील हो सकती है। बता दें कि अमेरिका से भारत सभी मौजूदा, संभावित टैरिफ बढ़ोतरी से छूट चाहता है। इसके साथ ही, भारत 90 पर्सेंट अमेरिकी गुड्स को प्रेफरेंशियल एक्सेस देने के लिए तैयार है।
अधिकारियों का दल करेगा अमेरिका का दौरा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर चर्चा करने के लिए इस महीने वाशिंगटन का दौरा करेगा। बता दें कि बीटीए पर भारत के मुख्य वार्ताकार एवं वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और दक्षिण एवं पश्चिम एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने पिछले महीने वाशिंगटन में बातचीत को रफ्तार देने के लिए तीन दिवसीय बैठक की थी।
प्रस्तावित समझौते में अमेरिका के साथ भारत कपड़ा, रत्न-आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए टैरिफ रियायत की मांग कर रहा है। दूसरी ओर अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), शराब, पेट्रोरसायन उत्पाद, डेयरी, सेब जैसे कृषि उत्पाद क्षेत्रों में टैरिफ छूट चाहता है।
9 जुलाई तक है राहत
अमेरिका ने दो अप्रैल को अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने नौ अप्रैल को भारत में इन टैरिफ को इस साल नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि, देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत बेसिक चार्ज लागू रहेगा।
अमेरिका की बात करें तो यह भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। साल 2024 में द्विपक्षीय व्यापार करीब 129 बिलियन डॉलर रहा था। फिलहाल, ट्रेड बैलेंस भारत के पक्ष में है, जो कि अमेरिका के साथ 45.7 बिलियन डॉलर सरप्लस पर चल रहा है।