64% टूट गया था शेयर, ₹58 पर आया भाव, अब कंपनी को मिली बड़ी खुशखबरी, शेयर में होने लगी खरीदारी
- Ola Electric Share: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर आज गुरुवार को कारोबार के दौरान फोकस में हैं। कंपनी के शेयर में आज 3% तक की तेजी देखी गई थी और यह शेयर 58.88 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गया था। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक बड़ा अपडेट है।

Ola Electric Share: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर आज गुरुवार को कारोबार के दौरान फोकस में हैं। कंपनी के शेयर में आज 3% तक की तेजी देखी गई थी और यह शेयर 58.88 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गया था। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक बड़ा अपडेट है। दरअसल, भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कंपनी ओला इलेक्ट्रिक वाहन और वाहन कलपुर्जा (पीएलआई-वाहन योजना) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने वाली भारत की पहली दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माता बन गई है। बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों का 52-वीक हाई 157.53 रुपये है। वर्तमान में यह स्टॉक अपने 52-वीक हाई से करीब 64 फीसदी नीचे आ चुका है।
कंपनी ने दी है जानकारी
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि योजना के तहत उसे वित्त वर्ष 2023-24 के निर्धारित बिक्री मूल्य के लिए कुल 73.74 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई-वाहन योजना का उद्देश्य वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और उन्नत, स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन समाधानों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देना है। पीएलआई के लिए ओला इलेक्ट्रिक की पात्रता भारत की ईवी क्रांति में इसके नेतृत्व और एक मजबूत स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम प्लांट विकसित करने की इसकी प्रतिबद्धता दिखाती है।
क्या है डिटेल
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय से पांच मार्च, 2025 की तारीख का स्वीकृति आदेश प्राप्त हुआ है।” ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के निर्धारित बिक्री मूल्य हेतु प्रोत्साहन के लिए 73.74 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।”
सितंबर, 2021 में शुरू की गई पीएलआई-वाहन योजना का उद्देश्य वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और उन्नत, स्वच्छ और टिकाऊ गतिशीलता समाधानों को अपनाने को बढ़ावा देना है। पांच वर्षों में 25,938 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ इस योजना का लक्ष्य आयात पर निर्भरता को कम करना और देश को वैश्विक ईवी आपूर्ति शृंखला में एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित करना है।
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