सुप्रीम कोर्ट के आदेश से JSW स्टील को बड़ी राहत, शेयर में बढ़ी हलचल
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी हैं, जो जेएसडब्ल्यू के भविष्य और BPSL के 4.5 मिलियन टन प्लांट की तकदीर तय करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) के लिक्विडेशन प्रोसेस पर रोक लगाते हुए यथास्थिति (Status Quo) बनाए रखने का आदेश दिया है। इससे जेएसडब्ल्यू स्टील को राहत मिली है, क्योंकि अब कंपनी कोर्ट के 2 मई के उस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सकेगी जिसमें उसके ₹19,300 करोड़ के रिजॉल्यूशन प्लान को रद्द कर दिया गया था।
इस खबर के बाद आज दोपहर एक बजे के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर उछलने लगे। सुबह 1009.20 रुपये खुलकर यह शेयर 1 बजे दोपहर को 1000 रुपये पर आ गया था। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पता चला इस काउंटर पर हलचल बढ़ गई। शेयर 2.20 पर्सेंट चढ़कर 1030.70 रुपये पर पहुंच गया।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को निर्देश दिया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस रिव्यू याचिका पर फैसला नहीं कर देता, तब तक मामला लंबित रखा जाए। कोर्ट ने जेएसडब्ल्यू स्टील को 30 दिनों के भीतर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने को कहा, जो कानूनन समयसीमा है।
अंतरिम राहत मिलने से लिक्विडेशन प्रक्रिया रुकी
यह आदेश जेएसडब्ल्यू स्टील की उस अर्जी के जवाब में आया है, जिसमें BPSL के पूर्व प्रमोटर संजय सिंघल द्वारा शुरू किए गए लिक्विडेशन प्रोसेस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। 2 मई के फैसले के बाद सिंघल ने NCLT से तुरंत लिक्विडेशन शुरू करने की गुहार लगाई थी। जेएसडब्ल्यू ने कोर्ट से 60 दिनों का समय मांगा था, लेकिन अब अंतरिम राहत मिलने से लिक्विडेशन प्रक्रिया रुक गई है।
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट का 2 मई का फैसला जेएसडब्ल्यू स्टील के लिए बड़ा झटका था। कंपनी ने BPSL को इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत 5 साल पहले अधिग्रहित किया था और तब से उसमें भारी निवेश किया है। कोर्ट ने कहा कि रिजॉल्यूशन प्लान IBC (इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) के नियमों का पालन नहीं करता, खासकर टाइमलाइन को लेकर।
जेएसडब्ल्यू के लिए कितना अहम है यह केस
जेएसडब्ल्यू के लिए यह केस स्ट्रैटेजिक रूप से अहम है। BPSL का ओडिशा प्लांट 4.5 मिलियन टन सालाना क्षमता वाला है, जो कंपनी की कुल 34.2 मिलियन टन की डोमेस्टिक क्षमता का हिस्सा है। मार्च 2024 तक, जेएसडब्ल्यू ने BPSL से जुड़े ₹14,091 करोड़ के एसेट्स अपने बैलेंस शीट में दिखाए हैं।
कंपनी का कहना है कि उसने कानून का पूरी तरह पालन करते हुए BPSL को पुनर्जीवित किया है। जेएसडब्ल्यू के जॉइंट एमडी जयंत आचार्य ने हालिया बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारे मुआवजे के अधिकारों को मानेगा।" साथ ही, कंपनी ने बैंकों से रिजॉल्यूशन प्लान के तहत दिए गए पैसे वापस मांगे हैं।
बड़ा डिफॉल्टर्स था BPSL
BPSL उन 12 बड़े डिफॉल्टर्स में से एक था जिन्हें 2017 में RBI ने IBC के तहत निपटाने के लिए चिह्नित किया था। उस समय कंपनी पर ₹47,200 करोड़ से अधिक का कर्ज था। जेएसडब्ल्यू का ₹19,300 करोड़ का प्लान सबसे ऊंचा बोली थी, जिसे 2019 में NCLT और 2020 में NCLAT ने मंजूरी दी थी। हालांकि, पूर्व प्रमोटर की लगातार कानूनी चुनौतियों के बावजूद जेएसडब्ल्यू ने पेमेंट कर प्लांट का संचालन शुरू किया।