धोखाधड़ी रोकने के लिए बहुत जल्द हर बैंक का होगा अपना एक नेशनल कॉलिंग नंबर
बैंक का अपना राष्ट्रीय नंबर होने और उस पर इनकमिंग कॉल की सुविधा से ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी। हमने इस मुद्दे पर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ चर्चा की है।

भारत जल्द ही हर बैंक को अपना एक नेशनल कॉलिंग नंबर देने की मंजूरी दे सकता है, जिसमें इनकमिंग कॉल की सुविधा भी शामिल होगी। इसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए बैंकों के कॉल और मैसेज को पहचानना आसान बनाना और धोखाधड़ी रोकना है। बैंकिंग उद्योग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार बैंकों ने सरकार के सामने "1600xx" सीरीज में प्रत्येक के लिए एक अलग नंबर का प्रस्ताव रखा है। इस पर जल्द ही अमल होने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने कहा, "प्रत्येक बैंक का अपना राष्ट्रीय नंबर होने और उस पर इनकमिंग कॉल की सुविधा से ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी। हमने इस मुद्दे पर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ चर्चा की है। जल्द ही स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलने की उम्मीद है।"
अभी क्या है व्यवस्था
फिलहाल, बैंक ग्राहकों से संपर्क के लिए "1600xx" श्रृंखला के कई नंबर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन पर ग्राहक वापस कॉल नहीं कर सकते। RBI ने जनवरी में एक निर्देश जारी कर कहा था कि ट्रांजैक्शन संबंधी कॉल के लिए केवल "1600xx" और प्रचारात्मक कॉल के लिए "140xx" नंबर सीरीज का ही उपयोग किया जाए।
एक बैंक अधिकारी ने कहा, "हमने 1600xx नंबरों पर इनकमिंग कॉल की अनुमति और उन ग्राहकों के लिए छूट की मांग की है, जिन्होंने बैंकों को संपर्क करने की सहमति दी है।" साथ ही, बैंक ऋण वसूली से जुड़े कॉल्स को "1600xx" श्रृंखला से छूट दिए जाने का अनुरोध करने जा रहे हैं।
क्या होगा फायदा
एक बड़ा सवाल यह है कि क्या तीसरे पक्ष के रिकवरी एजेंटों को भी इन नंबरों का उपयोग करना होगा? एक अधिकारी ने कहा, “इस पर RBI और टेलीकॉम नियामक TRAI से स्पष्टीकरण जरूरी है।” इस पहल से न केवल ग्राहकों को विश्वसनीय कॉल की पहचान करने में मदद मिलेगी, बल्कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आने की संभावना है।