Vodafone Idea Share falls 12 percent after supreme court judgement सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद औंधे मुंह गिरा VI का शेयर, दिन में 12% तक टूटा, 30 हजार करोड़ रुपये की छूट का मामला, Business Hindi News - Hindustan
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद औंधे मुंह गिरा VI का शेयर, दिन में 12% तक टूटा, 30 हजार करोड़ रुपये की छूट का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम कंपनियों वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाया माफ करने की याचिका खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि याचिकाओं को गलत तरीके से तैयार किया गया है।

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानMon, 19 May 2025 04:09 PM
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद औंधे मुंह गिरा VI का शेयर, दिन में 12% तक टूटा, 30 हजार करोड़ रुपये की छूट का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम कंपनियों वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाया माफ करने की याचिका खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि याचिकाओं को गलत तरीके से तैयार किया गया है।

इस याचिका को वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea Share) ने फाइल किया था। फैसले का असर वोडाफोन के शेयरों पर भी पड़ा है। कंपनी के शेयर 8.68 प्रतिशत की गिरावट 6.73 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है। इससे पहले सोमवार को दिन में वोडाफोन के शेयर 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 6.47 रुपये के लेवल पर आ गया था।

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सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका

बेंच ने वोडाफोन की ओर से पेश सीनियर वकील मुकुल रोहतगी से कहा, “हम इन याचिकाओं से वाकई हैरान हैं जो हमारे सामने आई हैं। एक इंटरनेशनल कंपनी से इसकी उम्मीद नहीं की जाती। हम इसे खारिज करेंगे।” न्यायालय ने टेलीकॉम कंपनियों की मदद करने की सरकार की इच्छा के रास्ते में आने से इनकार किया। बता दें, वोडाफोन ने अपने एजीआर बकाया के ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज के रूप में करीब 30,000 करोड़ रुपये की छूट मांगी है।

रोहतगी ने पहले कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए याचिकाकर्ता कंपनी का अस्तित्व जरूरी है। उन्होंने कहा कि हाल में ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद अब केंद्र के पास कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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वोडाफोन आइडिया ने क्या कुछ कहा था?

कंपनी ने याचिका में कहा, “मौजूदा रिट याचिका में फैसले की समीक्षा की मांग नहीं की गई है, बल्कि फैसले के तहत ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज के भुगतान से छूट मांगी गई है।” याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि केंद्र को निष्पक्ष और सार्वजनिक हित में काम करने तथा एजीआर बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज के भुगतान के लिए जोर न देने को कहा जाए।

(भाषा के इनपुट के साथ)

( यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)

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