BSSC Vacancy 2025: बिहार कर्मचारी चयन आयोग निकालेगा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कर्मियों की भर्ती
- बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग को एक माह बाद अधियाचना भेजी जाएगी।

बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग को एक माह बाद अधियाचना भेजी जाएगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से पदों का रेशनलाइजेशन कर रिक्ति की जानकारी मांगी है। एक महीने में रिक्त पदों की सूची प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग से इनकी नियुक्ति करायी जाएगी। आपके हिन्दुस्तान अखबार में 15 फरवरी को छपी खबर ‘एक तिहाई शिक्षकेत्तर कर्मियों के भरोसे विश्वविद्यालय और महाविद्यालय’ को लेकर विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने यह सवाल पूछा था। इसके जवाब में मंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व में रिक्त पदों की सूची विश्वविद्यालयों से आयी थी, जिनमें कई त्रुटियां थीं। इसलिए नये सिरे से रिक्त पदों की जानकारी मांगी गयी है।
शिक्षकों के पद सातवें वेतन आयोग में आच्छादित नहीं शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में अजय कुमार और अन्य के ध्यानाकर्षण पर कहा कि शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर सरकार सहानूभूति पूर्वक निर्णय लेता रहा है। 2003 में शिक्षा मित्र के रूप में इन्हें 1500 रुपये मानदेय मिलता था। इसके बाद से इनके वेतन में निरंतर वृद्धि हुई, ईपीएफ का लाभ दिया गया और अब वेतनमान लागू कर दिया गया है। सातवें वेतनमान आयोग के तहत वित्त विभाग ने जिन पदों को शामिल किया है, उनमें शिक्षकों के पद आच्छादित नहीं हैं। इनके लिए पे-मैट्रिक्स लागू किया गया है। आठवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू होने के बाद शिक्षकों की वेतन वृद्धि को लेकर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। फिटमेंट कमेटी इस पर विचार करेगी।
अजय कुमार ने ध्यानाकर्षण में सवाल उठाया था कि बीपीएससी से चयनित और विशिष्ठ शिक्षकों का ना ही ग्रेड-पे तय किया गया और ना ही लेवल तय किया गया है। जबकि, इन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया गया है।