12वीं के बाद कॉमर्स में शानदार करियर, कॉमर्स की पढ़ाई में AI का कमाल
commerce course after 12th: अकाउंटिंग के करियर में एक ओर ग्रीन अकाउंटिंग और सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग जैसे नए क्षेत्र उभर रहे हैं, तो दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक नए मौके बना रही है।

अकाउंटिंग से जुड़े कई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां सीए, सीएमए जैसी बड़ी परीक्षाओं के बजाय स्नातक (जैसे बीकॉम या बीबीए) के तुरंत बाद अपस्किलिंग कर नौकरी के मौके पा सकते हैं। टैली,जीएसटी फाइलिंग कोर्स, एडवांस्ड एक्सेल के माध्यम से अकाउंट्स असिस्टेंट/ जूनियर अकाउंटेंट जैसे कामों से जुड़ सकते हैं। वहीं टैक्सेशन से संबंधित काम की भी ज्यादा मांग देखी जा रही है, जिसके लिए जीएसटी प्रैक्टिशनर कोर्स, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग कोर्स आदि की अपस्किलिंग आपको काम दिलाएगी।
अकाउंटिंग के करियर में एक ओर ग्रीन अकाउंटिंग और सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग जैसे नए क्षेत्र उभर रहे हैं, तो दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक नए मौके बना रही है। छोटे शहरों में बड़ी वित्तीय कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी परंपरागत भूमिकाओं की भी मांग में भी बढ़ोतरी कर रही है। यही वजह है कि कॉमर्स में स्नातक युवाओं के लिए अकाउंटिंग में अपस्किलिंग के बाद कई मौके बने हैं। क्या हैं ये अवसर, बता रही हैं रुपाली चतुर्वेदी
अगर विशेषज्ञों की मानें, तो भारत में प्रतिवर्ष करीब 55,000 से 60,000 नए अकाउंटिंग पेशेवरों की आवश्यकता होती है। सर्टिफाएड अकाउंटिंग पेशेवरों की भी भारी कमी है। भारत में वर्तमान में 4 लाख के लगभग सीए हैं, जबकि जरूरत है दस लाख सीए की। बेशक, अकाउंटिंग और फाइनेंस के स्किल के साथ मौकों की कमी नहीं है। क्योंकि हाल ही की अर्नस्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट के अनुसार अब कई बहुराष्ट्रीय अकाउंटिंग फर्म्स भारत के छोटे शहरों का रुख कर रही हैं, जो कई अन्य नौकरियों के साथ ही अकाउंटिंग के लिए भी मौके पेश कर रही हैं। इसी के साथ आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के समावेश से इस क्षेत्र में कुछ और नए स्किल के लिए भी मौके बने हैं।
अकाउंटिंग में एआई का स्किल
डेलॉइट के एक शोध के अनुसार वर्तमान में 54 फीसदी अकाउंटिंग फर्म्स ने एआई को किसी ना किसी रूप में अपने काम में शामिल किया है। इसीलिए आधुनिक तकनीक के ऐसे स्किल, जो कॉमर्स के स्नातक को व्यापार हेतु वित्तीय रणनीति बनाने, व्यापारिक विश्लेषण करने जैसे आधारभूत हुनर देते हैं, भी अहम हो गए हैं। ऐसे सीखें :
फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए मशीन लर्निंग और एआई आधारित अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर के कोर्स कराने वाले मंचों से जुड़ें। जैसे कोर्सेरा के फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञता कोर्स, जिसमें एआई से संबंधित मॉड्यूल्स हों। किसी उत्पाद या सॉफ्टवेयर विशेष की ट्रेनिंग लें, जैसे Xero, Vic.ai, NetSuite, FreshBooks का अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर।
एआई का अकाउंटिंग में समावेश, ऑडिटिंग में एआई के प्रभाव आदि विषयों पर आईसीएईडब्लू और एसीसीए समय-समय पर सेमिनार करते हैं। उनमें शामिल हो सकते हैं। आईएफटीए जैसी फिनटेक कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं।
Cube, Anaplan, Vena, Nintex, FlowForma, Entrust, IBM जैसे पूर्वानुमान, खतरे का आकलन व धोखाधड़ी का पता लगाने वाले एआई टूल्स सीखें।
जीएसटी कंसल्टेंसी के लिए जीएसटी कॉम्प्लायंस कोर्स, एडवांस्ड जीएसटी फाइलिंग के ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं।
प्रमुख मंच : ClearTax, Taxmann Academy, LearnCab, ICA Edu Skills, NIIT, Udemy, Intenshala
औसत आय : 15,000 रुपये प्रतिमाह से शुरुआत हो सकती है।
कुछ लोकप्रिय करियर
चार्टर्ड अकाउंटेंट : भारत का साल 2047 तक 30 लाख सीए प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। वैसे भी अकाउंटिंग क्षेत्र में यह सबसे लोकप्रिय करियर है। इसका कोर्स आईसीएआई (ICAI.org) की ओर से कराया जाता है। यह कोर्स कुल तीन स्तरों- फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल-में कराया जाता है। बारहवीं के बाद फाउंडेशन कोर्स कर सकते हैं।
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) : ये पेशेवर लागत, बजट, व्यापार विश्लेषण और रणनीतिक योजना बनाने में अपना योगदान देते हैं। 12वीं के बाद सीएमए फाउंडेशन कोर्स से शुरुआत करें। स्ट्रैटेजिक कॉस्ट मैनेजमेंट,बिजनेस डाटा एनालिटिक्स जैसे कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स आईसीएमएआई (icmai.in) से कर सकते हैं।
टैक्स कंसल्टेंट: बीकॉम के बाद सीएमए सर्टिफिकेशन कोर्स या टैक्सेशन में डिप्लोमा करें। टैक्सेशनल लॉ में सर्टिफिकेशन कर सकते हैं। या एलएलबी के बाद एलएलएम टैक्सेशन लॉ जैसी विशेषज्ञता कोर्स चुन सकते हैं।
इसी तरह बीकॉम, बीबीए, एमबीए फाइनेंस या सीएफए सर्टिफिकेशन के बाद फाइनेंशियल एनालिस्ट, सीए या बीकॉम के साथ फोरेंसिक अकाउंटिंग सर्टिफिकेट, सर्टिफाइड फ्रॉड इग्जामिनर, केपीएमजी फॉरेंसिक कोर्सेज करके फोरेंसिक अकाउंटेंट के तौर पर करियर बना सकते हैं। सीए मुकुल शर्मा कहते हैं कि इस क्षेत्र में 3 से 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष से शुरू होकर अनुभव के बाद कई लाख रुपये प्रतिमाह तक वेतन हो सकता है
एक्सपर्ट की राय
अकाउंटिंग का क्षेत्र अब ऑटोमेशन, डेटा एनालिटिक्स डिजिटल फाइनेंस की ओर बढ़ रहा है। इसलिए अपस्किलिंग और डिजिटल टूल्स की समझ भी बेहद आवश्यक है। एक्सेल के साथ-साथ अब ERP सिस्टम (जैसे एसएपी, टैली प्राइम), बिजनेस इंटेलिजेंस टूल्स (पावर बीआई, टैबलियू) और फिनटेक सॉफ्टवेयर की जानकारी भी जरूरी होती जा रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Coursera, Udemy, ICAI Digital Learning Hub, और LinkedIn Learning से छोटी अवधि के कोर्स करके छात्र खुद को समय के अनुसार तैयार कर सकते हैं, जिससे उनको ज्यादा फायदा मिलेगा।'
-मुकुल शर्मा, चार्टर्ड अकाउंटेंट
एन्वाइरन्मेंट अकाउंटिंग में कंपनी की वित्तीय गतिविधियों में पर्यावरण संबंधी प्रभावों व सुधार हेतु खर्चों का लेखा-जोखा देखा जाता है। इसे ग्रीन अकाउंटिंग भी कहते हैं। इसके लिए अकाउंटिंग, फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स या एनवाइरन्मेंटल साइंस में स्नातक करें। सस्टेनेबिलिटी या सीएसआर मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स करें। संबंधित कोर्स GRI Training, Harvard Online, EdX पर उपलब्ध हैं।