UPSC : कौन हैं यूपीएससी के नए सदस्य अनुराधा प्रसाद और सुजाता चतुर्वेदी, कितना है अनुभव, कहां से की पढ़ाई
अनुराधा प्रसाद और सुजाता चतुर्वेदी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य बनाया गया है। यहां जानें उनका कार्यानुभव और पढ़ाई लिखाई के बारे में।

पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद और सुजाता चतुर्वेदी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य बनाया गया है। आयोग के वरिष्ठतम सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने दोनों को यूपीएससी सदस्या के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यूपीएससी सदस्य की नियुक्ति छह वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए की जाती है। अब आयोग के सदस्य के दो पद और रिक्त हैं।
कौन हैं सुजाता चतुर्वेदी
पूर्व खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी बिहार कैडर की 1989 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। सुजाता चतुर्वेदी ने नागपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक और इतिहास में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने लोक प्रशासन में एम.फिल और रूसी भाषा में डिप्लोमा भी किया है। चतुर्वेदी भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1989 बैच की हैं और उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया था। उनके पास कैडर के साथ-साथ भारत सरकार में तीन दशकों से अधिक का विशाल प्रशासनिक अनुभव है। राज्य में, उन्होंने वित्त विभाग की प्रधान सचिव, वाणिज्यिक कर आयुक्त, वित्त विभाग की सचिव, शहरी विकास विभाग की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। केंद्र में, उन्होंने युवा कार्यक्रम और खेल सचिव, डीओपीटी में अपर सचिव और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में क्षेत्रीय उप महानिदेशक के पद पर कार्य किया।
चतुर्वेदी ने खेल विभाग की सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देश में खेलों के समग्र विकास के लिए कई पहलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसमें कुछ प्रमुख पहलों में वार्षिक खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी, फिडे शतरंज ओलंपियाड, फीफा अंडर -17 महिला विश्व कप, एक राष्ट्रीय खेल भंडार प्रणाली का कार्यान्वयन, मानक खेल सुविधाओं की देशव्यापी मैपिंग और डोपिंग के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूत करने के लिए एंटी-डोपिंग बिल का अधिनियमन सम्मिलित हैं। चतुर्वेदी महाराष्ट्र राज्य से हैं और हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, रूसी और मराठी भाषाओं में पारंगत हैं।
कौन हैं अनुराधा प्रसाद
अनुराधा प्रसाद गृह मंत्रालय के अंतर्गत अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय की पूर्व सचिव हैं। प्रसाद भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) की 1986 बैच की अधिकारी हैं। अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय की सचिव के रूप में उन्होंने केंद्र-राज्य और अंतर-राज्य संबंधों से संबंधित मामलों को देखा और कई जटिल और संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बनाई, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव हुए और बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं में तेजी आई।
बयान में कहा गया कि सेवानिवृत्ति के बाद प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पुलिस शिकायत प्राधिकरण की सदस्य के रूप में कार्य किया।
अपने 37 वर्षों से अधिक के करियर में, उन्होंने रक्षा, वित्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, श्रम एवं रोजगार, और गृह जैसे केंद्रीय मंत्रालयों में कार्य किया है, जिससे उन्हें नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण एवं क्रियान्वयन में गहन अनुभव प्राप्त है।
अनुराधा प्रसाद ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं और उद्योग-संचालित अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से खाद्य उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के बोर्ड के सदस्य के रूप में भी काम किया, साथ ही राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद में भी रहीं।
उन्होंने श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में श्रम संहिताओं का मसौदा तैयार करने और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल के विकास में योगदान दिया। उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के महानिदेशक के रूप में कोविड-19 महामारी के दौरान श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विभिन्न पहलों का नेतृत्व किया।
प्रसाद ने लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उन्होंने ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से विकास प्रशासन में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है।
मंगलवार को प्रीति सूदन का कार्यकाल पूरा होने के बाद वर्तमान में यूपीएससी बिना अध्यक्ष के काम कर रहा है।