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फर्नीचर से लेकर बर्तन और लाइटें तक लीं उधार, ₹25 करोड़ में ऐसे बनी ₹340 करोड़ कमाने वाली यह फिल्म

आज के वक्त में जब किसी ढंग की फिल्म को बनाने में सैकड़ों करोड़ की लागत आ जाती है। तब मेकर्स ने महज 25 करोड़ रुपये में यह ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म बना दी थी।

Puneet Parashar लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 09:56 AM
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फर्नीचर से लेकर बर्तन और लाइटें तक लीं उधार, ₹25 करोड़ में ऐसे बनी ₹340 करोड़ कमाने वाली यह फिल्म

साल 2019 में आई फिल्म 'उरी - द सर्जिकल स्ट्राइक' सुपरहिट रही थी। वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर तकरीबन 342 करोड़ रुपये कमाने वाली इस फिल्म को बनाने में सिर्फ 25 करोड़ रुपये लागत आई थी। सच्ची घटना पर आधारित और सभी के दिलों को छू गई इस फिल्म को बनाने के लिए बजट बहुत कम था। लेकिन इमोशन्स ने सभी के दिलों में जोश भर रखा था। लिहाजा बजट कम रखने के लिए मेकर्स ने अतरंगी तरकीबें अपनाईं ताकि फिल्म तय बजट के अंदर रहे और बहुत महंगी ना बन जाए। फिल्म के डायरेक्टर आदित्य धर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने जान-बूझकर जहां भी हो सकता था पैसा बचाया।

फाइट में नजर आते हैं हर बार वही 9 लोग

निर्देशक आदित्य ने पैसा बचाने के लिए बड़े जुगाड़ू तरीके से यह फिल्म तैयार की थी। उन्होंने छोटी-छोटी चीजों पर पैसा खर्च करने की बजाए उस सामान को किसी से मांगना पसंद किया। कम लोग जानते हैं कि फिल्म में सोफा से लेकर डिनर सेट तक बहुत सारी चीजें उन्होंने किसी ना किसी से उधार मांगी थीं। आदित्य धर ने बताया, "ज्यादातर लोगों ने नोटिस नहीं किया होगा लेकिन सभी फाइट सीक्वेंस में 9 से ज्यादा लोग कहीं नहीं हैं। हर जगह वही 9 लोग आपको नजर आते हैं जो हमारे पास स्टंट के लिए थे।"

फिल्म में पूरे वक्त रिपीट हुई हैं ये कुछ चीजें

आदित्य धर ने बताया, "हर रोज हम उनका चेहरा बदल दिया करते थे, ताकि वो थोड़े अलग लगें।" उरी के निर्देशक ने यह भी बताया कि कैसे छोटे-छोटे सामान पर भी उन्होंने पैसा बचाया। निर्देशक ने कहा, "हमारे पास लाइट्स के लिए बजट नहीं था, तो हमारे प्रोडक्शन डिजाइनर ने क्या किया, वह कहीं से 12 स्ट्रीट लैंप लेकर आ गया। यही 12 स्ट्रीट लैंप आपको पूरी फिल्म में नजर आएंगी।" इतना ही नहीं बजट कम होने के चलते मेकर्स ने और भी जगह पर बड़ी चालाकी से आपको बेवकूफ बनाया।

डिनर सेट और फोटो फ्रेम तक मांगा उधार

आदित्य धर ने बताया, "हम किसी को भी फोन लगा देते थे, जैसे रिश्तेदारों को, कि प्लीज हमें डिनर सेट चाहिए। फोटो फ्रेम चाहिए। डायनिंग टेबल दे दीजिए।" इस तरह तमाम चीजें मेकर्स ने किसी ना किसी से मांग लीं जिसके बाद उनका स्टूडियो या फिर शूटिंग के लिए सामान खरीदने का खर्चा बच गया। बता दें कि विकी कौशल के करियर को सबसे बड़ा जम्प इसी फिल्म ने दिया था। सच्ची घटना पर आधारित यह फिल्म दर्शकों को दिलों को छू गई थी और इससे विकी का डायलॉग 'हाऊज़ द जोश' आज भी फैंस बोलते हैं।

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