गुजरात के जंगलों में और गूंजेगी शेरों की दहाड़, 5 साल में बढ़कर इतनी हो गई आबादी
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार,10 और 11 मई को प्रारंभिक जनगणना की गई,जबकि अंतिम जनसंख्या गणना 12 और 13 मई को 3,000 स्वयंसेवकों की मदद से की गई,जिनमें क्षेत्रीय,आंचलिक और उप-आंचलिक अधिकारी,गणनाकार,सहायक गणनाकार और निरीक्षक शामिल थे। इस अभ्यास में 58 तालुकाओं को कवर किया गया।

गुजरात के जंगलों में अब बब्बर शेर की दहाड़ और तेज हो गई है। सरकार के प्रयासों के बाद बीते 5 सालों में संख्या 674 से बढ़कर 891 हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस खुशखबरी को साझा करते हुए बताया कि ताजा जनगणना के बाद यह आंकड़े सामने आए हैं। जून 2020 में हुई पिछली जनगणना में राज्य में शेरों की आबादी 674 अनुमानित की गई थी। पटेल ने पत्रकारों को बताया,"एशियाई शेरों की अनुमानित आबादी बढ़कर 891 हो गई है।"
चार दिनों तक चलने वाली 16वीं एशियाई शेर जनगणना 10 से 13 मई तक दो चरणों में आयोजित की गई थी। इसमें 11 जिलों में 35,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल किया गया था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार,10 और 11 मई को प्रारंभिक जनगणना की गई,जबकि अंतिम जनसंख्या गणना 12 और 13 मई को 3,000 स्वयंसेवकों की मदद से की गई,जिनमें क्षेत्रीय, आंचलिक और उप-आंचलिक अधिकारी,गणनाकार,सहायक गणनाकार और निरीक्षक शामिल थे। इस अभ्यास में 58 तालुकाओं को कवर किया गया।
जिन 11 जिलों में शेर पाए जाते हैं,वे हैं जूनागढ़,गिर सोमनाथ, भावनगर, राजकोट, मोरबी, सुरेंद्रनगर,देवभूमि द्वारका,जामनगर,अमरेली,पोरबंदर और बोटाद। एशियाई शेर,जो एक उप-प्रजाति है,केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान और आसपास के जिलों में ही पाए जाते हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), जयपाल सिंह ने बताया, "हमने मार्च में शेरों की गिनती शुरू की और इसके लिए बहुत तैयारी की। फिर 10 मई से 13 मई तक,पूरे स्टाफ और कई स्वयंसेवकों के साथ-साथ गाँव के लोगों ने भी गिनती में भाग लिया। गुजरात में एशियाई शेरों की अनुमानित आबादी बढ़कर 891 हो गई है,जो पिछली गणना से 32.19 प्रतिशत ज्यादा है।
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