आतंकियों की कब्र पर कलमा पढ़ता दिखा टॉप लश्कर कमांडर, पीछे हाथ बांधे खड़ी पाक सेना- VIDEO
ऑपरेशन सिंदूर में जब भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों को मौत के घाट उतारा। पाकिस्तानी सरकार का मुखौटा उतर गया है। अब पाक मीडिया ने ही उसकी पोल खोल दी। वीडियो में आतंकियों की कब्र में लश्कर कमांडर कलमा पढ़ रहा है, साथ में खड़ी है पाक सेना।

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने जो ऑपरेशन सिंदूर चलाया, उसने पाकिस्तान के उन दावों की पोल खोल दी कि वह आतंकवाद को पनाह नहीं देता है। एक बार फिर साबित हो गया है कि पाकिस्तान आतंक का पनाहगाह है और उसकी फौज खुद आतंकियों की ढाल बनी हुई है। भारत ने हालिया स्ट्राइक में पाकिस्तान और पीओके में कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए। पाकिस्तानी चैनलों के दिखाए जा रहे फुटेज में आतंकियों की कब्र पर लश्कर के टॉप कमांडर को कलमा पढ़ते देखा जा सकता है। उसके पीछे पाकिस्तानी आर्मी हाथ बांधे खड़ी है।
भारतीय सेना ने 6 और 7 मई के बीच देर रात 1.30 बजे पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों पर 24 हवाई हमले किए। इनमें 90 से ज्यादा आतंकी मारे जाने की खबर भी है। हालांकि पाकिस्तान ने अभी तक भारत के इन दावों को स्वीकार नहीं किया। उसका कहना है कि भारतीय हमले में 31 आम नागरिक मारे गए। भारत की एयर स्ट्राइक में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय भी तबाह हो गया। यहां आतंकियों को भारत में हमलों के लिए ट्रेनिंग दी जाती थी।
पाकिस्तान की पोल खुली
सबसे बड़ा झटका जैश सरगना मसूद अजहर को लगा, जिसने खुद कबूला कि हमलों में उसके 10 परिवारजनों और चार प्रमुख साथियों की मौत हो गई। सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब सामने आया जब मुरिदके में मारे गए आतंकियों के लिए रखे गए शोक कार्यक्रम में लश्कर का टॉप कमांडर हाफिज अब्दुल रऊफ पाकिस्तानी फौजियों के साथ बैठा कलमा पढ़ता नजर आया। न कोई डर, न कोई शर्म—सीधे कैमरों के सामने, यह नज़ारा इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की सेना और आतंकवाद के बीच कोई फर्क नहीं बचा।
वीडियो में देखा जा सकता है कि रऊफ आतंकियों की कब्र पर कलमा पढ़ रहा है और पीछे हाथ बांधे पाकिस्तानी सेना के अधिकारी खड़े हैं।
कौन है हाफिज रऊफ
अमेरिका ने 2010 में रऊफ को "स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट" घोषित किया था। वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है, सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेता है और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है। वह लंबे समय से आतंकी नेटवर्क में विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभा चुका है और 2008 में लश्कर सरगना हाफिज सईद के निर्देश पर संगठन की गतिविधियों की निगरानी के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी कर चुका है। 2003 में उसे लश्कर का 'डायरेक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस' भी नियुक्त किया गया था और वह आतंकी संगठन का प्रवक्ता भी रहा है।
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