धर्म बदल लेंगे 118 परिवार, झारखंड में 11 गांव के लोगों ने क्यों दी चेतावनी; सामने आई बड़ी वजह
- झारखंड के जमशेदपुर में 118 परिवारों ने सामाजिक बहिष्कार पर बड़ा निर्णय लेने की तैयारी कर ली है। यहां के डुमरिया प्रखंड के 11 गांवों के 118 परिवारों का ग्राम प्रधान ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया है।

झारखंड के जमशेदपुर में 118 परिवारों ने सामाजिक बहिष्कार पर बड़ा निर्णय लेने की तैयारी कर ली है। डुमरिया प्रखंड के 11 गांवों के 118 परिवारों का ग्राम प्रधान ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। इससे पीड़ित ग्रामीणों ने गुरुवार को डीसी ऑफिस पहुंचकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। न्याय नहीं मिलने पर उन्होंने धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी है।
इन सभी के ग्राम प्रधानों ने अलग-अलग कारणों से इन्हें बहिष्कृत कर दिया है। ये सभी इस मामले में न्याय के लिए पहले सांसद और फिर सांसद की चिट्ठी लेकर उपायुक्त से मिलने पहुंचे थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं। उपायुक्त की अनुपस्थिति में उन्होंने जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। सामाजिक रूप से बहिष्कृत लोगों में से एक छोटा अस्ती गांव के सोनाराम हेम्ब्रम ने बताया कि वे सभी लोग अलग-अलग कारणों से बहिष्कृत किए गए हैं। उनके गांव के 12 परिवारों को इसलिए बहिष्कृत कर दिया गया, क्योंकि उनलोगों ने पूर्णिमा के दिन सोहराय पर्व मनाया था।
चाकड़ी के 60 परिवार सहित मरांगसंघा, बादलगोड़ा, कासालीडीह, बोमरो, कोलाबरिया, मेरालडीह और कुदुरसाई आदि गांवों के लोग वर्षों से बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं। इसी प्रकार भागवत सोरेन और कुदाय माझी ने बताया कि बहिष्कार की वजह से वे लोग सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। उनके धार्मिक कार्य भी बंद है, क्योंकि उन्हें जाहेरथान में घुसने नहीं दिया जाता है। उनका हुक्का-पानी बंद है, इसलिए उनसे अगर पड़ोस के किसी परिवार ने बात भी कर ली तो प्रधान उनका भी बहिष्कार कर देता है। उन्होंने अब पूरे प्रखंड के लिए एक ही प्रधान की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि वे एक साल से बीडीओ, एसडीओ से लेकर सभी अफसरों से न्याय मांग चुके हैं। लेकिन अबतक उनकी बात नहीं सुनी गई है। इसलिए वे अब 15-20 दिन और इंतजार करेंगे। इसके बाद धर्म परिवर्तन कर लेंगे। और इसकी पूरी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।