Youth s Dream Field in Kashiatan Dand Lacks Basic Facilities Amidst Growing Concerns of Encroachment बोले बोकारो: कशियाटांड़ मैदान को मिले रास्ता तो युवाओं को मिलेगी मंजिल, Bokaro Hindi News - Hindustan
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बोले बोकारो: कशियाटांड़ मैदान को मिले रास्ता तो युवाओं को मिलेगी मंजिल

बोकारो के माराफारी थाना क्षेत्र स्थित कशियाटांड़ मैदान युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास स्थल है, जहां रोजाना सैकड़ों युवा दौड़ने आते हैं। हालांकि, मैदान में पेयजल, शेड और कमरे जैसी सुविधाओं की कमी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोWed, 23 April 2025 03:15 AM
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बोले बोकारो: कशियाटांड़ मैदान को मिले रास्ता तो युवाओं को मिलेगी मंजिल

कशियाटांड़ मैदान चारों ओर से जंगल से घिरा है। माराफारी थाना के आसपास क्षेत्र के सैंकड़ों युवा इस मैदान में अपनी दौड़ की प्रैक्टिस करने पहुंचते हैं। इस मैदान में दौड़ का अभ्यास कर युवा सेना आदि में नौकरी हासिल करने में सफल हुए हैं। लेकिन, मैदान आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां पयजल तक की कोई व्यवस्था नहीं है। मैदान तक जाने के लिए कोई सुगम रास्ता है। मैदान की घेराबंदी नहीं होने के कारण यहां के युवाओं को हमेशा इस मैदान के अतिक्रमण का डर सताता है। एक्सरसाइज के लिए उपयुक्त सामग्री का भी अभाव है। बारिश आदि के मौसम से बचने के लिए इस मैदान में न तो शेड है और न ही कोई कमरा है। बावजूद यह मैदान इस क्षेत्र के युवाओं की पहली पसंद में शामिल है।

बोकारो के माराफारी थाना क्षेत्र स्थित कशियाटांड़ मैदान युवाओं के सपनों को उड़ान देने वाला मैदान है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने लिए एक पद की उम्मीद लेकर प्रतिदिन अहले सुबह सैकड़ों युवा मैदान पहुंचते हैं। जमकर दौड़ की प्रैक्टिस करते हैं। व्यायाम के साथ कई तरह के खेल का भी अभ्यास करते हैं। काशीटांड़ का यह मैदान 700 से अधिक युवाओं को सरकारी व गैरसरकारी नौकरी में सम्मानजनक पद दिलाने का गवाह है। लेकिन, यह मैदान आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव का दंश झेल रहा है। यहां पहुंचने वाले युवाओं के लिए पेयजल तक ही सुविधा नहीं है। इस मैदान से होकर नौकरी की चौखट तक पहुंचने वालों ने भी भविष्य निर्माण करने वाली इस धरा को संवारने के लिए कोई पहल नहीं की। जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की नजरों से यह मैदान ओझल है। युवाओं का भविष्य निर्माण करने वाले मैदान के सुरक्षित भविष्य को लेकर प्रतिदिन अभ्यास करने पहुंचने वाले युवा चिंतित हैं। चारों ओर जंगल के बीच स्थित यह मैदान जोशी कॉलोनी, आजाद नगर, सिवनडीह, कैंप वन, झोपड़ी कॉलानी व कर्नल मार्केट के युवाओं की पहली पसंद है।

मैदान की घेराबंदी नहीं होने से युवाओं को सताता है अतिक्रमण होने का डर - युवाओं को कहना है कि 1990 के दौर से यह मैदान युवाओं की नजर में आया। जब यह मैदान 200 मीटर का हुआ करता था। बदलते वक्त के साथ मैदान ने सफलता की गाथा भी बढ़ती चली गई। फौज, सिपाही से लेकर अन्य स्थानों में युवाओं की बाहाली के किस्सों के साथ क्षेत्र में अन्य यवुाओं का रूझान इस मैदान की ओर बढ़ा। युवाओं की भीड़ बढ़ती गई। बढ़ती भीड़ ने अपनी मेहनत और लगन से मैदान को भी 200 से 400 मीटर तक का बना दिया गया। लेकिन आज भी इस मैदान की घेराबंदी नहीं हो सकी है। युवाआ इस बात से सशांकित है कि मैदान के चारों ओर बाउंड्रीवॉल नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह मैदान अतिक्रमण का शिकार हो जायेगा। ऐसा हुआ तो आने वाले जनरेशन के पास कोई मैदान नहीं बचेगा, जहां व दौड़ व एक्सर्साइज कर अपना भविष्य गढ़ सकेगा। मैदान को बचाने के लिए जिला प्रशासन, बीएसएल प्रबंधन एवं विधायक को पहल करने की जरूरत है।

युवाओं ने कहा कि यह मैदान जंगल के बीच में है। मैदान के चारों ओर पेड़-पौधे से हरियाली है। लेकिन, इस मैदान तक पहुंचने का कोई सुगम पथ नहीं है। आज भी खेतों की पगडंडियां ही इस मैदान तक पहुंचने का एक मात्र रास्ता है। बारिश के मौसम में यहां पहुंचना दुर्लभ हो जाता है। रास्ते में पानी और फिसलन जटिलताओं को बढ़ा देती है। डगर की कठिनाइयों के बीच जिस दिन बारिश नहीं होती है, युवा अपने सपनों की उड़ान पूरी करने के लिए मैदान की ओर दौड़ पड़ते हैं। जैसे-तैसे पहुंच ही जाते हैं। कहा कि सरकार व सरकारी तंत्र इस मैदान तक आने-जाने के लिए एक सुगम पथ का निर्माण कराये तो अच्छा होगा। ताकि नित्य दिन अभ्यास करने वाले युवा बारिश के मौसम में भी आसानी से मैदान तक पहुंच सकें। नियमित रूप से अभ्यास करने के लिए यहां एक बेहतर मार्ग होना ही चाहिए।

अभ्यास के लिए शेड व कमरा उपलब्ध हो तो निखरे अभ्यास : युवाओं ने कहा कि इस मैदान में हर दिन अपने सपनों को साकार करने के लिए पहुंचने वाले सैकड़ों युवाओं के लिए एक कमरा और एक शेड का निर्माण होना चाहिए। इसके लिए बीएसएल, विधायक या जिला प्रशासन को पहल करने की जरूरत है। तभी यह संभव होगा। शेड व कमरा के निर्माण होने से युवाओं को अभ्यास व अपनी सामग्री रखने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। बारिश के मौसम में भी अभ्यास करने की समुचित व्यवस्था हो जाएगी। साथ ही एक चापानल की व्यवस्था हो, जिससे युवाओं को हो रही पानी की किल्ल्त से भी निजात मिले। इतनी व्यवस्था का सहयोग मिल जाए तो मैदान में पहुंचने वाले युवा हर क्षेत्र में बोकारो का नाम रोशन करने में सक्षम होंगे।

सुझाव

1. मैदान तक आने-जाने का सुगम पथ बनाया जाए। जिससे यहां पहुंचने वाले युवाओं को सहूलियत हो।

2. मैदान को सुरक्षित रखने के लिए इसमें बाउंड्रीवॉल किया जाना चाहिए। ताकि भविष्य में यह मैदान अतिक्रमण की भेंट न चढ़े।

3. यहां पानी के लिए चापानल की व्यवस्था हो, जिससे यहां पहुंचने वाले युवाओं का पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके।

4. बारिश आदि के मौसम में यहां अभ्यास चलता रहे, इसके लिए एक शेड का निर्माण कराया जाए। साथ ही एक कमरा भी बने।

5. युवाओं को एक्सरसाइज की सामग्री उपलब्ध कराई जाए, जिससे की युवा अपनी प्रतिभा को और भी बेहतर कर सकें। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इसमें पहले करने की जरूरत है।

शिकायतें

1. खेतों की पगडंडिया ही मैदान तक जाने का एक मात्र रास्ता है। बारिश में जल जमाव व रास्ते के फिसलन से बढ़ जाती है परेशानी।

2. बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण युवाओं को परेशानी होती है। खास कर मैदान के अतिक्रमण होने का भय बना रहता है।

3. पानी की सुविधा नहीं हैद। इस कारण यहां दौड़ व एक्सरसाइज का अभ्यास करने वाले युवाओं की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

4. मैदान में एक शेड अथवा एक कमरा भी नहीं है। जिससे सामग्री रखने या अभ्यास करने में परेशानी होती है।

5. एक्सरसाइज की सामग्री उपलब्ध नहीं है। इसके अभाव में अधिकांश युवा इस मैदान का उपयोग दौड़ के लिए ही कर पाते हैं।

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