यज्ञ से आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक और वैज्ञानिक स्तर पर लाभ होता है : शैलेश कृष्णा जी महाराज
यज्ञ से आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक और वैज्ञानिक स्तर पर लाभ होता है : शैलेश कृष्णा जी महाराजयज्ञ से आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक और वैज्ञानिक स्तर पर

मयूरहंड, प्रतिनिधि। यज्ञ से आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक वैज्ञानिक स्तर पर लोगों को लाभ मिलता है। यह वायुमंडल को शुद्ध करता है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, और देवताओं को प्रसन्न करता है। यज्ञ में शामिल होने से तनाव कम होता है, मन शांत होता है, और व्यक्ति को आत्मिक शांति मिलती है। उक्त बातें मथुरा के शैलेश कृष्णा जी महाराज ने प्रवचन के दौरा कही। प्रखंड के मँझगांवा में नौ दिवसीय शिव प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रवचन का कार्यक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यज्ञ को एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है।
यज्ञ में मंत्रों का उच्चारण करने से सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और वातावरण शुद्ध होता है। यज्ञ से साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और वह भगवान के करीब महसूस करता है। कहा यज्ञ में मंत्रों के उच्चारण से कंपन उत्पन्न होता है, जिससे तनाव कम होता है और मन शांत होता है। यज्ञ में शामिल होने से व्यक्ति को विश्राम का अनुभव होता है और वह अपनी रचनात्मकता को बढ़ा पाता है। यज्ञ सामाजिक समृद्धि लाने में भी मदद करता है। प्राचीन काल में ऋषि-महर्षि कृषि यज्ञ करके बारिश कराते थे, फसलों को कीटों से बचाते थे और पौधों को खाद देने के लिए यज्ञ राख का इस्तेमाल करते थे। यज्ञ को सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं माना जाता है, बल्कि इसे एक वैज्ञानिक और सामाजिक प्रक्रिया भी माना जाता है जो विभिन्न स्तरों पर लाभ प्रदान करता है।
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