सीआरपीएफ 154 बटालियन के कैंप में मना शौर्य दिवस
फोटो : व्हाट्स एप धनबाद, मुख्य संवाददाता सीआरपीएफ 154 बटालियन प्रधानखंता में बुधवार को

धनबाद। सीआरपीएफ 154 बटालियन प्रधानखंता में बुधवार को शौर्य दिवस मनाया गया। आज ही के दिन वर्ष 1965 में रण ऑफ कच्छ (गुजरात) में भारतीय सीमा पर स्थित सरदार एवं टाक पोस्ट पर तैनात सीआरपीएफ ने पाकिस्तानी सेना की इंफैंट्री ब्रिगेड से बहादुरी से मुकाबला किया था। पाकिस्तानी सेना की एक इंफैंट्री ब्रिगेड ने सीआरपीएफ की सेकेंड बटालियन पर आक्रमण किया था। सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तानी सेना का दृढ़ता से प्रतिरोध किया। जवान बहादुरी से लड़े और आक्रमण को निष्फल किया, जिसमें 34 पाकिस्तानी जवानों को मौत के घाट उतारा गया था और चार जवानों को जिंदा पकड़ा था। इस लड़ाई में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हुए थे और 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था। जवानों के दृढ़संकल्प एवं शौर्य के कारण ही पाकिस्तानी सेना की इंफेंट्री ब्रिगेड को खाड़ी में 12 घंटे से अधिक समय तक रोक रखा गया, जो कि मिलिट्री युद्व इतिहास में एक अनूठी मिसाल है। शौर्य दिवस पर धनबाद और गिरीडीह जिले में तैनात 154 बटालियन सीआरपीएफ कैंप में बुधवार सुबह बल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें वाहिनी के कमांडेंट सुनील दत्त त्रिपाठी, द्वितीय कमान अधिकारी राजेश कुमार सिंह, उप कमांडेंट विनीता कुमारी, चिकित्सा अधिकारी डॉ हर्ष झा और वाहिनी के जवान उपस्थित थे। इस अवसर पर जवानों के बीच कई खेलों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। सबने बड़ा खाना का भी लुत्फ उठाया।
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