भागवत कथा में भगवान की रासलीला का वर्णन
गिरिडीह के अरगाघाट में श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा का आरंभ भागवत भगवान की आरती से हुआ। इस दिन भगवान की रासलीला और रूकमनी विवाह का वर्णन किया गया, जिसमें बाल गोपालों ने...

गिरिडीह। अरगाघाट में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को भी कथा सुनने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा की शुरुआत पूर्व की भांति भागवत भगवान की आरती के पश्चात की गयी। छठे दिन की कथा में भगवान की रासलीला का वर्णन किया गया। तत्पश्चात रूकमनी विवाह के बारे में बताया गया। ये सारे चरित्र छोटे-छोटे बाल गोपालों द्वारा झांकी के रूप प्रस्तुत की गई। प्रसंग को सुनकर और झांकी को देखकर लोग गदगद हो गए। इस दौरान तुम्हारी शरण प्रभु जी तुम्हरी शरण की भजन पर भक्त झूम कर नाचने लगे। अरगाघाट उसरी नदी के तट पर चल रहे श्रीमद भागवत कथा के आयोजन से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है।
भागवत कथा को लेकर नदी तट पर लाईटिंग से की गई सजावट देखते ही बनती है। कार्यक्रम के दौरान उसरी नदी बचाओ अभियान के तहत संयोजक राजेश सिन्हा के द्वारा महाराज श्री को एक प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। भागवत कथा आयोजन को सफल बनाने में कृष्णा कुमार सिन्हा, डॉ संजीव संजय, डॉ अनुज सिन्हा, ललित सिन्हा, राजेश सिन्हा, अजयकांत झा, बिजय सिंह, पप्पू विश्वकर्मा, आशीष अंबस्ट, संतोष यादव, गोविन्द यादव, विष्णु यादव, प्रदीप यादव, मनोज चौरसिया, प्रदीप बरनवाल, संदीप सिन्हा, लोकनाथ सहाय, नवल सिंह, आदित्य यादव, पीकू यादव सहित समिति के सभी लोग लगे हुए हैं।
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