भक्ति व वतनपरस्ती मुशायरों पर खूब झूमे लोग
झारखंड के जमुआ प्रखंड में ख्वाजा गरीब नवाज अजमेरी कांफ्रेंस में मुशायरे और खानकाही कव्वाली का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध शायरों ने भक्ति और वतन परस्ती की रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में लोग सुबह तक...

झारखंडधाम, प्रतिनिधि। जमुआ प्रखंड के चिश्ती नगर कुसैया में ख्वाजा गरीब नवाज अजमेरी कांफ्रेंस में शुक्रवार शाम मुशायरे एवं खानकाही कव्वाली आयोजन किया गया। मुशायरे में कई मारुफ शायरों ने भक्ति और वतन परस्ती के जज्बे से ओतप्रोत शायर पढ़कर लोगों की खूब वाहवाहियां बटोरी। अर्धरात्रि से खानकाही कव्वाली उर्फ शमा ए महफिल में गुरुभक्ति और मानवता से ओत प्रोत नज़्मों और कलामों के साथ संगीत के तरन्नुम के आगोश में लोग सुबह तक मस्ती में झूमते रहे। मुशायरे एवं कव्वाली में गुरुभक्ति और मानवता से भरे अल्फ़ाज़ खूब बयां किए गए। मेरे घुंघटा का रखना लाज पिया, मोरे अंगना मोइनुद्दीन आयो रे, छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना लगाकर... सरीखे भक्ति पूर्ण कलामों को गाकर कव्वालों ने खूब झुमाया। 55वां सालाना कांफ्रेंस की दूसरी रात आम कव्वाली होगी। खाशियत है कि काफी भीड़ के बावजूद यहां स्वत: स्फूर्त शांति रहती है। सभी कौम के लोग शामिल होते हैं। इस सिलसिले की शुरुआत सूफी संत सलीम शाह जकी उल्लाह इफ्तखारी चिश्ती द्वारा की गई थी। उनका 13वां उर्स का भी आयोजन साथ साथ किया गया है। चादर पोशी एवं कुरान ख्वानी के साथ दो दिवसीय मजहबी जलसे के दूसरे दिन शनिवार को गागर परिक्रमा भी हुई। रात में स्टेज प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के सरपरस्त इफ्तेखारुल हक सलीमी साहिबे शहजादा हैं। रात्रि में आम कव्वाली का आयोजन है। उक्त जानकारी कौमी एकता कमेटी के प्रवक्ता याहिया सलीमी और पुराने मुरीद समीद चिश्ती ने दी।
कार्यक्रम के अयोजन में कौमी एकता कमेटी के कंचन सिन्हा, शाली के मुखिया मो निजामुद्दीन, असलम सलीमी, गुलामुद्दीन सलीमी, मो कुर्बान, मो मुस्लिम, ईशहाक, हारुन, सद्दाम सहित कई लोग शामिल हैं। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देश के कई हिस्सों से बाबा के अनुयाई आए हुए हैं। खानकाह के पास के मैदान में मेले सा दृश्य है।
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