Water Conservation Urged by Retired IPS Officer Mahendra Modi at Ganga Saptami Event जल का संचयन नहीं हुआ तो पीने के पानी के लिए मच जाएगा हाहाकार: जल गुरु, Hazaribagh Hindi News - Hindustan
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जल का संचयन नहीं हुआ तो पीने के पानी के लिए मच जाएगा हाहाकार: जल गुरु

हजारीबाग में गंगा सप्तमी के अवसर पर जल गुरु महेंद्र मोदी ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जल की कमी एक वैश्विक संकट बन सकती है। उन्होंने वर्षा के जल के संचयन के सरल और...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागTue, 6 May 2025 03:05 AM
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जल का संचयन नहीं हुआ तो पीने के पानी के लिए मच जाएगा हाहाकार: जल गुरु

हजारीबाग, वरीय संवाददाता। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी महेंद्र मोदी ने कहा कि जल है ,तो कल है। आने वाले समय में स्वच्छ जल की कमी वैश्विक स्तर पर भयावह होगी। यदि हमने वर्षा के जल का संचयन नहीं किया, तो धरती का जलस्तर नीचे चला जाएगा जो एक बड़ी तरह त्रासदी होगी। पीने का पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा । वह गंगा सप्तमी भागीरथी जलाभिषेक के अवसर पर शहर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को विचार रख रहे थे। शांतिकुंज , हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित इस जल संरक्षण की गोष्ठी में वह बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किए गए थे।

विदित हो कि महेंद्र मोदी जल गुरु के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने वर्षा के पानी को संरक्षित करने का कई आसान और मितव्ययी मॉडल को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया । उन्होंने आगे कहा कि यह मॉडल किफायती और आसान है, जहां जल का संचयन कर अपने घरेलू उपयोग में लाया जा सकता है, वहीं वर्षा के पानी को संचयन कर, स्वच्छ कर उसका लघु उद्योग स्थापित किया जा सकता है। गोष्ठी का शुभारंभ जल गुरु महेंद्र मोदी को तिलक लगाकर तथा रक्षा सूत्र बांधकर किया गया। गायत्री शक्तिपीठ के संस्थापक मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी डुंगर मल जैन ने गायत्री मंत्र चादर एवम तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया। गोष्ठी में सेवानिवृत्त डीएसपी संजय राणा भी बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। मौके पर आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के समन्वयक डॉ ललिता राणा ने कहा कि जल की अनावश्यक बर्बादी नहीं करनी चाहिए। जल का अधिक उपयोग हमारी बहनें विभिन्न तरह के घरेलू कार्यों में करती हैं , इसलिए उन्हें जल के संचयन के लिए अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है । संस्थापक मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी डूंगरमल जैन ने कहा कि जल तरल है, जल सरल है, इसका संचयन नहीं किया तो आने वाला समय दुखों का पल है। गोष्ठी के उपरांत संध्या 6:00 बजे से गंगा आरती वेद मंत्रों साथ की गई।

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