लोगों को आकर्षित करते हैं हजारीबाग में कई धरोहर, पर रखरखाव और संरक्षण जरूरी
हजारीबाग में हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। यहां प्राकृतिक, राज परिवार से जुड़े और ब्रिटिश कालीन विरासत स्थल हैं। इस्को गुफा, बरसोपानी, और मेगालिथ खगोलीय स्थल जैसे धरोहरों का...

हजारीबाग। यूनेस्को के पहल पर हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। हजारीबाग कभी अपने क्षेत्रफल में बिहार का सबसे बडा़ जिला होता था। विशाल भूभाग के कारण यह बहुत तरह के हलचल का गवाह रहा है। यहां हेरिटेज वाक की जरूरत है। इससे इसका संरक्षण हो सकता है। यहां तीन तरह के विरासत मिलते है। प्राकृतिक विरासत,राज परिवार से जुड़े विरासत और ब्रिटिश कालीन विरासत। बड़कागांव प्रखंड में स्थित इस्को गुफा नवपाषाण काल के मानवीय जीवन के कला श्रेष्ठता का गवाह है। जो लगभग 3000 ईस्वी पूर्व पुराना है। यहां बने भितिचित्र गेरू पत्थर से बने हैं पशु आकृति,वर्गाकार रूप,तरंगनुमा रेखा,सूर्य के आकारा के समकक्ष है। हजारीबाग के दक्षिणी सीमा पर दामोदर नदी के तट के समीप वन ग्राम में बरसोपानी भी एक प्राकृतिक धरोहर स्थल है। यह ध्वनि और प्रतिध्वनि के प्रभाव को दिखाता है। हजारीबाग- बड़कागांव रोड पर स्थित पकरी बरवाडीह में मेगालिथ खगोलीय महत्व का है। यहां एक्वीनोक्स का सूर्योदय देखा जाता है। नृत्यरत वन- हजारीबाग चुरचू रोड पर चोरहेता के समीप एक खास वन है जो दूर से दिखने में पेडो़ के जड़ के समीप टेढापन के कारण नृत्यरत लगता है। बहोरनपुर का पुरातात्त्विक स्थल- सीतागढ़ा पहाडी़ के पूर्वी ढाल पास बसे बरहोनपुर गांव अतीत में इसके लिए उपर्युक्त स्थान रहा होगा। ब्रिटिशकालीन अवशेष : हजारीबाग छावनी, आज यह सुनकर बहुत से शहर वासी को आश्चर्य लगे की कभी हजारीबाग एक छावनी शहर के रूप में विकसित हो रहा था। 1740 के आसपास हजारीबाग में सैन्य छावनी स्थापित किया जा रहा था।आज के संत कोलंबा कॉलेजियट स्कूल के पास हजारीबाग छावनी का अवशेष देखा जा सकता है। लाल कोठी डीवीसी चौक: हजारीबाग का जीरो प्वाईंट: जुलू पार्क चर्च के ठीक सामने हजारीबाग जिला भूसर्वेक्षण का केन्द्र बिन्दु है। हजारीबाग सेन्ट्रल जेल-- आज का इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय पुराना हजारीबाग सेन्ट्रल जेल का भवन में संचालित है। जेल का नया भवन साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन, रामवृक्ष बेनपुरी,खान अब्दुल गफ्फार खां, देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद,लोकनायक जयप्रकाश नारायण के कैद का गवाह रहा है। हजारीबाग का सेन्ट्रल जेल, जेल पर्यटन को बढावा देने के उत्तम उदाहरण है क्योंकि यह अनेकों ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तित्व का गवाह रहा है। सिंघानी चर्च: हजारीबाग बगोदर रोड पर सिंघानी गांव के पास स्थित चर्च हजारीबाग का सबसे पुरानी चर्च है। इसका निर्माण वर्ष 1862 में 1857 के संथाल विद्रोह के बाद हुआ था। पंचमंदिर-- हजारीबाग शहर के बीचों बीच स्थित पंच मंदिर अपनी भव्यता से निर्माण कला की श्रेष्ठता को प्रदर्शित करता है। पांच शिखरनुमा मंदिर होने के कारण इसका नाम पंचमंदिर पडा़ है। मंदिर का निर्माण 1901 में पूर्ण हुआ उसी साल से इसमें पूजा आरम्भ हुआ।
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