फर्जी तरीके से मंईयां सम्मान योजना की राशि निकाल रहीं झारखंड की महिलाएं,ऐसे खुली पोल
जिले में फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि महिलाएं ले रही हैं। इसको लेकर जांच शुरू हो गई है। यह खुलासा सोमवार को सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी ने किया। उन्होंने कहा कि प्रखंड में योजना सम्मान का लाभ उठाने वालीं 3000 महिला लाभुकों के नाम फर्जी मिले हैं।

जिले में फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि महिलाएं ले रही हैं। इसको लेकर जांच शुरू हो गई है। यह खुलासा सोमवार को सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी ने किया। उन्होंने कहा कि प्रखंड में योजना सम्मान का लाभ उठाने वालीं 3000 महिला लाभुकों के नाम फर्जी मिले हैं। फर्जी लाभुकों के योजना के पोर्टल से डिलीट कर दिया गया है। अब इन महिलाओं के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी है।
सरकार की ओर से संचालित योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिला व युवतियों को आर्थिक सहायता राशि के रूप में प्रतिमाह 2500 रुपये दिये जाते हैं। नियम के तहत लाभुक को सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान में नियमित,स्थाईकर्मी,संविदाकर्मी एवं मानदेयकर्मी नहीं होना चाहिए। लेकिन सरायकेला प्रखंड में योजना का लाभ लेने वाली 25 ऐसी महिलाएं हैं,जो या तो खुद सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में संविदाकर्मी,मानदेय कर्मी और स्थाईकर्मी के रूप में जुड़ी हुई हैं अथवा उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी महकमा से जुड़ा हुआ है।
बीडीओ यश्मिता सिंह द्वारा एक माह पूर्व उक्त महिलाओं को नोटिस जारी करते हुए योजना की राशि को प्रखंड नजारत में जमा करने का निर्देश दिया गया था। एक माह बीत जाने के बाद भी मात्र दो महिलाओं के द्वारा ही राशि की वापसी की गई है।
बीडीओ ने बताया कि सरायकेला प्रखंड से 16 हजार महिला व युवतियों ने योजना के लिए आवेदन किया था। इनमें से 3000 महिलाओं को अयोग्य करार दिया गया है। प्रखंड की 25 ऐसी महिलाएं हैं जो या तो खुद पारा शिक्षिका हैं अथवा उनके पति पारा शिक्षक के पद पर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि उक्त सभी महिलाओं को राशि सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था। दो महिलाओं के द्वारा ही पैसे वापस किये गये हैं। पैसा वापस नहीं करने वाली महिलाओं के खिलाफ केस होगा। एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि 28 लोगों की पहली लिस्ट जारी की गई है। जिसमें सभी पारा शिक्षकों की पत्नी मैया सम्मान योजना का लाभले रही हैं।