पहलगाम अटैक 7 अक्टूबर की याद दिलाता है, भारत को जो चाहिए सब देने को तैयार; इजरायल का ऐलान
पाहलगाम हमले को लेकर उन्होंने गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि इस हमले की क्रूरता ने उन्हें इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमले की याद दिला दी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से इजरायल लगातार भारत के संपर्क में है। इजरायल ने खुले तौर पर कहा है कि वह आतंकियों के खिलाफ भारत की हर मदद करने को तैयार है। इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तुलना 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमास के हमले से की। उन्होंने कहा कि वे भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन करते हैं। पहलगाम हमले को पिछले दो दशकों में नागरिकों पर सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। अजार ने कहा कि इजरायल भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को हर संभव सहायता प्रदान करने को तैयार है।
भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं- इजरायली दूत
WION को दिए एक इंटरव्यू में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा, "हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। भारत जानता है कि उसे क्या करना है। यह एक संप्रभुता का मामला है। देशों को आत्मरक्षा का अधिकार है, और भारत के पास वह पूरा हक है। भारत को पूरी छूट है कि वह अपने तरीके से जवाब दे। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत नीति दिखाई है और हमारा मानना है कि भारत आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के साथ खुफिया जानकारी, टेक्नोलॉजी, और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अजार ने कहा, "हम भारत को यह सलाह देने की स्थिति में नहीं हैं कि उसे क्या करना चाहिए, क्योंकि भारत सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों को अच्छी तरह से पता है कि उन्हें सीमा पार स्थिति आतंकवाद से कैसे निपटना है। उन्हें इससे निपटने की पूरी जानकारी है। लेकिन सामान्य तौर पर, हम तकनीकी और खुफिया सहयोग के जरिए भारत के साथ काम करना जारी रखेंगे।"
हमला देखकर 7 अक्टूबर की याद ताजा हुई – अजार
पाहलगाम हमले को लेकर उन्होंने गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि इस हमले की क्रूरता ने उन्हें इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमले की याद दिला दी। इजरायली दूत ने कहा, "पहलगाम में लोगों के सिर में गोली मारी, धार्मिक आधार पर चुनकर हमला किया, हनीमून पर गए पर्यटकों को निशाना बनाया गया। यह वही आतंक है, जिससे हम गुजर चुके हैं। हमने देखा है कि कैसे त्योहार में शामिल लोगों को, घर में सो रहे मासूमों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा।" उन्होंने कहा, "सुबह 6.30 बजे जब हमास के आतंकवादी आए, तब लोग म्यूजिक फेस्टिवल में जा रहे थे, अपने घरों में थे, अपने बिस्तरों में सो रहे थे, और उन्हें मार डाला, उनके साथ बलात्कार किया और उन्हें जला दिया। तो सीधी सी बात ये है कि हम एक ही तरह की घटना से पीड़ित हैं।"
भारत को हरसंभव सहयोग देने की पेशकश
राजदूत अजार ने बताया कि उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और इजरायल की ओर से न केवल संवेदना जाहिर की, बल्कि हर प्रकार के सहयोग की पेशकश भी की। उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल के बीच खुफिया, तकनीकी और रणनीतिक सहयोग पहले से मौजूद है, और जरूरत पड़ने पर उसे और बढ़ाया जा सकता है।
"आतंकी संगठनों में वैश्विक समन्वय"
जब पूछा गया कि क्या इस हमले के पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की कोई मिलीभगत हो सकती है, तो अजार ने कहा कि आतंकी संगठन एक-दूसरे को प्रेरणा देते हैं, प्रशिक्षण देते हैं और मिलकर योजनाएं बनाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह ने कैसे इराक और सीरिया में लड़ाकों को ट्रेनिंग दी थी। उन्होंने इस्लामी कट्टरवाद के वैश्विक प्रचार पर भी चिंता जताई।
सोशल मीडिया और प्रोपेगैंडा पर भी जताई चिंता
उन्होंने बताया कि कैसे आतंकी संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं अपने हिंसक विचारों को फैलाने के लिए। उन्होंने इस पर रोक लगाने, चैनलों को बैन करने और तकनीकी सेवाएं देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने की जरूरत बताई।
पाकिस्तान की "जांच की मांग" को बताया ढोंग
पाकिस्तान द्वारा जांच की मांग पर अजार ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "अगर आप आतंकियों को पनाह देते हैं और फिर जांच की मांग करते हैं, तो यह बेहद पाखंडपूर्ण और दिखावटी बात है। पहले भी ऐसे मामलों में जांचें कुछ नहीं उगल पाई हैं।" इजरायली राजदूत ने कहा कि आतंकवाद अब केवल सीमित क्षेत्र की चुनौती नहीं रहा, बल्कि यह एक वैश्विक समस्या बन चुका है। उन्होंने दुनिया के सभी लोकतांत्रिक और विचारशील देशों से मिलकर काम करने की अपील की ताकि आतंकवाद और उनके संरक्षकों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
“हम भारत के हर कदम का समर्थन करेंगे”
राजदूत अजार ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भारत आतंकी संगठनों या उन्हें समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो इजरायल उसका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा, "हम भारत की आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। भारत को कोई सलाह देने की जरूरत नहीं है। भारत जानता है कि उसे क्या करना है।"