सुरक्षा किट पर खर्च होते हैं हर महीने 90 हजार, परंतु सुरक्षा नदारद
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मेदिनीनगर डिविजन में बिजली कर्मियों को सुरक्षा किट नहीं मिल रहा है। हर महीने एजेंसी को 90 हजार रुपए दिए जाते हैं, लेकिन केवल 10 फीसदी कर्मियों को ही सुरक्षा किट...

मेदिनीनगर, अरूण कुमार शर्मा। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मेदिनीनगर डिविजन में बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए दो एजेंसी के माध्यम से काम करा रहा है। दोनों एजेंसियों में दो तरह के कुशल और अकुशल बिजली कर्मी काम में लगे हुए हैं। बिजली कर्मियों को सुरक्षा किट के नाम पर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मेदिनीनगर डिविजन से हर महीना करीब 90 हजार रुपए एजेंसी को देता है। लेकिन फील्ड में काम करने वाले 10 फीसदी बिजली कर्मियों के पास भी सुरक्षा किट नहीं मिलता है। मेदिनीनगर डिविजन में कुशल और अकुशल कर्मियों की कुल संख्या 186 है।
कुशल कर्मियों के लिए 675 रुपए प्रतिदिन और अकुशल के लिए 488.79 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से विभाग एजेंसी को पैसा देती है। बिजली कर्मियों को दिन हो या रात बिना सेफ्टी किट के ही काम करना पड़ता है। यहां तक कि बिजली फॉल्ट को सुधारने के लिए फॉल्ट स्पॉट तक जाने के लिए गाड़ी का भी खर्च वहन बिजली कर्मियों को खुद ही करना पड़ता है। रात में मोबाइल लाइट से काम करना पड़ता है। कर्मियों को इंसुलेटेड ग्लब्स, सेफ्टी बेल्ट, ड्रेस, इंसुलेटेड जूते आदि किसी भी तरह का सेफ्टी किट और पर्याप्त मात्रा में टूल्स बिजली कर्मियों को नहीं दिया जा रहा है। इससे अक्सर दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। कई बार बिजली कर्मी गम्भीर रूप से घायल भी हो गए हैं। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मेदिनीनगर डिविजन के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि विभाग बिजली कर्मियों के सुरक्षा किट के लिए एजेंसी को हर महीने जितना बिल होता है उसमें तीन फीसदी पैसा सुरक्षा कीट के रूप में दिया जाता है। विदित है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मेदिनीनगर डिविजन में बिजली कर्मियों की सप्लाई दो एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा है। जिसमें दो तरह के कुशल और अकुशल बिजली कर्मी शामिल हैं।
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