Postmortem Challenges at MRMCH Lack of Facilities and Resources in Palamu Hospital एमआरएमसीएच में गत वर्ष 570 पोस्टमार्टम परंतु शीत गृह की व्यवस्था नहीं, Palamu Hindi News - Hindustan
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एमआरएमसीएच में गत वर्ष 570 पोस्टमार्टम परंतु शीत गृह की व्यवस्था नहीं

मेदिनीनगर, आनंद कुमार। पलामू के सबसे बड़े अस्पताल एमआरएमसीएच में जनवरी 2024 से दिसंबर तक 570 पोस्टमार्टम किया गया। इसमें से लगभग 10% शव का बिसरा गहन ज

Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूThu, 17 April 2025 01:05 AM
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एमआरएमसीएच में गत वर्ष 570 पोस्टमार्टम परंतु शीत गृह की व्यवस्था नहीं

मेदिनीनगर। पलामू के सबसे बड़े अस्पताल एमआरएमसीएच में जनवरी 2024 से दिसंबर तक 570 पोस्टमार्टम किया गया। इसमें से लगभग 10% शव का बिसरा गहन जांच के लिए फारेंसिंग साइंस लैब भेजा गया है। सभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पुलिस को भेज दी गई है। हालांकि प्रत्येक दिन औसतन एक से से अधिक पोस्टमार्टम किए जाने बावजूद अभी तक शीत गृह, शव के साथ आने वाले परिजनों के लिए शेड आदि की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। एमआरएमसीएच का दो महीना पहले अपर मुख्य सचिव ने निरीक्षण किया था। बावजूद इसके पोस्टमार्टम हाउस में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव बना हुआ है। पोस्टमार्टम हाउस में सफाई की कमी के साथ शीत गृह की घोर कमी है। इसके कारण शवों को यथाशीघ्र पोस्टमार्टम करना पड़ता है। बाहर में परिजनों के बैठने के लिए कोई शेड आदि की भी व्यवस्था नहीं है। गर्मी, जाड़ा और बरसात में भी परिजन बाहर जहां तहां बैठकर पोस्टमार्टम हो जाने का इंतजार करते हैं। आसपास न तो पेयजल की सुविधा है और न ही कोई अन्य सुविधाएं।

पोस्टमार्टम करने में सहयोगी की भूमिका निभाने वाला रितिक राज ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में सफाई की नियमित व्यवस्था नहीं है। पोस्टमार्टम के बाद हाउस की सफाई उन्हें ही करनी पड़ती है। इसके लिए अलग से सफाईकर्मी की नियुक्ति होनी चाहिए। उनके कार्य का दायरा बड़ा है। पोस्टमार्टम के बाद जरूरत के अनुसार विसरा भी संग्रह करना पड़ता है। काम के बदले उन्हें बेहद कम मानदेय दिया जाता है जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। सेवा को स्थाई करने व सम्मानजनक मानदेय देने की जरूरत है।

पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए विभाग प्रयासरत है। कुछ दिनों में ही शीत गृह, परिजनों के बैठने के लिए शेड सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की बहाली कर दी जाएगी। उम्मीद है कि एमआरएमसीएच विभाग के पूर्ण किए जाने पर कॉलेज में भी एक अन्य पोस्टमार्टम की स्थापना की जायेगी। सिविल सर्जन ने कहा कि अभी 2-3 दिन पुराने शवों को पोस्टमार्टम करने की सुविधा एमआरएमसीएच में नहीं है। इसके कारण वैसे शवों को रांची भेजना पड़ता है । कॉलेज बिल्डिंग निर्माण पूर्ण किए जाने पर यहां वो भी सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।

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