बोले पलामू-महिलाओं ने कहा-केवाईसी को हर गांव में लगे कैंप
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के तहत केवाईसी अपडेट न होने से महिलाओं के खातों में योजनाओं की राशि नहीं आ रही है। इसके कारण बैंकों में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे उन्हें घंटों इंतजार करना...
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के चलन में आने के बाद किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने में बैंकों की भूमिका मुख्य हो गई है। नए आदेश के तहत केवाईसी अपडेट नहीं होने के कारण कई पात्र महिलाओं के खाते में भी मंईयां सम्मान सहित अन्य योजनाओं की राशि नहीं आ पाई। इसके बाद से अचानक बैंकों में केवाईसी कराने के लिए महिला खाताधारकों की भारी भीड़ जमा हो रही है। महिलाओं को घंटे-दो घंटे नहीं बल्कि एक पखवारे तक चक्कर लगाना पड़ रहा है। हिन्दुस्तान के बोले पलामू कार्यक्रम के तहत शनिवार तड़के एसबीआई के विश्रामपुर शाखा परिसर में कतार में लगीं महिलाओं ने पीड़ा बताई। मेदिनीनगर। केंद्र सहित राज्य सरकार की विभिन्न लाभार्थी परक अधिकांश योजनाएं विशेषकर महिलाओं को केंद्र में रखकर पटल पर लाई जा रही हैं। सभी योजनाओं के लिए लेन-देन बैंकों के माध्यम से ही हो रहे हैं। ऐसे में महिलाओं का बैंकों में सिर्फ खाता रखना ही नहीं बल्कि अपटेड रखना अपरिहार्य शर्त में शामिल है।
पहले तो जल्दबाजी में आवेदन करने वालीं सभी महिलाओं के खाते में पैसे आ गए। किंतु जब नई सरकार गठन के बाद जब सत्यापन शुरू किया गया तो लाखों महिलाओं के बैंक खाते का केवाईसी ही अपडेट नहीं पाया गया। इससे ऐसे खाते में राशि का हस्तांतरण रोक दिया गया। देश के आकांक्षी जिले में शामिल पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर सहित ग्रामीण अंचलों में भारी संख्या में महिलाओं का केवाईसी अपडेट नहीं होने के कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मुख्यालय सहित सभी प्रमुख कस्बों में केवाईसी अपडेट कराने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। किंतु बैंकों में इस संबंध में कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण अंचलों से दुधमुंहे बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं को दिनभर इंतजार करने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कई महिलाओं ने बताया कि केवाईसी कराने के लिए वे पिछले 15 दिन से लगातार बैंक आ रही हैं। इसके बाद भी अभी तक उनका केवाईसी नहीं हो पाया है। पांडू, ऊंटारी रोड आदि प्रखंडों से भी वहां पहुंची महिलाओं ने बताया कि वे नियमित रूप से सुबह छह बजे तक कतार में खड़ी हो जाती है। कई-कई दिन तो उनका नंबर ही नहीं आ पाया। बैंकों में सर्वर डाउन रहने के कारण केवाईसी होने की गति काफी कम है। इससे दिनभर में बमुश्किल आठ-दस केवाईसी ही हो पाता है। होली के बाद से ही बैंकों में केवाईसी कराने के लिए खाताधारकों की अपार भीड़ उमड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है।
बैंक परिसर में जगह नहीं होने के कारण खाताधारक महिलाएं दिनभर चिलचिलाती धूप में इधर-उधर पेड़-पौधों की छाया में खड़ा रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। देखते-देखते दिन बीत जाता है। किंतु उनका नंबर नहीं लगता है। दूसरे दिन जल्दी बैंक पहुंचकर लाईन में लगने की सोचकर वे जब सुबह छह बजे बैंक पहुंचती हैं तो यहां पता चलता है कि उनसे पहले 50 से अधिक महिलाएं बकायदे अपना नंबर बुक करा चुकी होती हैं। दूसरे दिन भी उनका नंबर नहीं लगता है। इसके बाद भी बैंकों में अतिरिक्त काउंटर खोलने या अतिरिक्त समय तक शाखा का संचालन करने संबंधी कोई उपाय नहीं किए जाने से समस्या बढ़ती जा रही है। महिलाओं ने रोष जताते हुए कहा कि इधर कई दिनों से यह स्थिति यह हो गई है कि घर का सारा काम छोड़कर वह भोर होते ही बैंक का रुख करती हैं। किंतु इसके बाद भी उनका केवाईसी नहीं हो पा रहा है। केवाईसी नहीं होने के कारण पेंशन,आवास सहित अन्य किसी भी योजना का वे लाभ नहीं उठा पा रही हैं। महिलाओं ने कहा कि असमय कोई साधन नहीं मिलने के कारण कई बार तो उन्हें पैदल चलकर बैंक तक आना पड़ता है। इसके बाद भी यहां आने पर उनके हाथ मायूसी ही लगती है।
भीड़भाड़ से महिलाओं को हो रही है भारी दिक्कत
महिलाओं ने कहा कि केवाईसी का काम अब सिर्फ बैंकों के सहारे पूर्ण होने वाले नहीं हैं। विभिन्न लाभार्थी परक योजनाओं का संचालन सीधे बैंकों के माध्यम से होने के कारण केवाईसी कराने के लिए बैंकों में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। किंतु बैंकों में समुचित व्यवस्था नहीं होने से महिलाओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में प्रत्येक गांव स्तर पर कैंप लगाकर खाताधारी महिलाओं के बैंक खाते का केवाईसी करने से उन्हें काफी राहत मिलेगी। इससे बैंकों में भीड़भाड़ की स्थिति भी नहीं होगी और किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी।
बैंकों में पेयजल का समुचित प्रबंध नहीं
तापमान 40 डिग्री पार करने के बाद पलामू में गर्मी का प्रकोप गहराने लगा है। दिन में 10 बजे से ही धूप चटख होने लगती है। ऐसे में बैंकों में समुचित पेयजल का प्रबंध नहीं होने के कारण महिलाओं को काफी कठिनाई उठानी पड़ती है। कुछ महिलाएं तो पानी घर से ही लेकर आती हैं। किंतु अधिकांश महिलाओं को पानी खरीदना पड़ता है। विशेषकर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर बैंक आने वाली महिलाओं की पानी को लेकर परेशानी तो देखते ही बनती है। इससे समस्या को देखते हुए बैंकों को अपने परिसर में पेयजल की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि किसी को भी परेशानी न हो।
शेड नहीं होने से परेशानी
अधिकांश बैंकों में दैनिक खाताधारकों के अनुपात में व्यवस्था की गई है। अचानक उपभोक्ताओं की भीड़ बढ़ जाने से शाखा परिसर तुरंत भर जाता है। ऐसे में अधिकांश महिलाओं को बैंकों के बाहर ही अपनी बारी का इंतजार करना होता है। कई दिनों से लगातार भीड़ जुटने के बाद भी शासन अथवा बैंक प्रबंधन स्तर पर अतिरिक्त शेड का प्रबंध नहीं किया गया है। इससे महिलाओं को बाजार में सड़क किनारे कहीं छाया में खड़े रहना पड़ता है।
अतिरिक्त काउंटर से मिलेगी राहत
महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि केवाईसी के लिए महिलाओं की उमड़ रही भीड़ को देखते हुए बैंक प्रबंधन को तत्काल अतिरिक्त काउंटर खोले जाने चाहिए। जिससे पूरी तरह से नहीं तो भी आंशिक रूप से ही महिलाओं को राहत मिल सके। इसके अतिरिक्त तात्कालिक तौर पर शाखा के अतिरिक्त भी केवाईसी कराने की सुविधा प्रदान करने की दिशा में भी पहल की जरूरत है। विश्रामपुर, छतरपुर, पांकी, हरिहरगंज, जपला, हैदरनगर आदि प्रमुख कस्बों के बैंकों में अतिरिक्त काउंटर तत्काल खोलने की जरूरत है।
शिकायतें
1. अचानक भीड़ उमड़ने से बैंकों की व्यवस्था फेल हो जाती है। खाताधारकों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
2. बैंकों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से महिलाओं को कड़ी धूप में पानी के लिए भटकना पड़ता है।
3. अतिरिक्त काउंटर नहीं होने से महिलाओं को दिनभर इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है।
4. खाताधारी महिलाओं के लिए अतिरिक्त शेड का प्रबंध नहीं किया गया है।
सुझाव
1. केवाईसी के लिए उमड़ रही भीड़ को देखते हुए बैंकों की कार्यक्षमता में वृद्धि के उपाय किए जाएं।
2. बढ़ती गर्मी को देखते हुए बैंकों में पेयजल का समुचित प्रबंध किया जाए। जिससे खाताधारी महिलाओं को राहत मिल सके।
3. महिलाओं की लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए बैंकों में तत्काल अतिरिक्त काउंटर लगवाए जाएं।
4. बैंकों में अतिरिक्त शेड का प्रबंध किया जाए जिससे खाताधारियों को राहत मिल सके।
इनकी भी सुनिए
विश्रामपुर क्षेत्र में अभी तक केवाईसी कार्य सामान्य तरीके से चल रहा है। ज्यादा भीड़ बढ़ने की सूचना नहीं है। इसी के कारण एहतियात के तौर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। भीड़ बढ़ने पर जरूरत के अनुरूप कदम उठाया जाएगा।
राकेश कुमार तिवारी, सीओ, विश्रामपुर
बैंकों में अतिरिक्त काउंटर खोलने के साथ ही प्रमुख कस्बों में भी अभी बैंक स्तर पर शिविर लगाकर महिलाओं का केवाईसी संबंधी समस्या का निदान कराया जाए। जिससे महिलाओं को बैंकों का अनावश्यक रूप से चक्रमण न करना पड़े।
सोनी सिंह, खाताधारक
ई-केवाईसी कराने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लम्बा समय व्यतीत हो जाने के बाद भी अभी तक केवाईसी नहीं हो सका है।
गुंजा कुमारी
ई-केवाईसी कराने में पूरा दिन का समय व्यतीत हो जा रहा है। जिससे बाकी अनिवार्य कार्य संपन्न नहीं हो पा रहे है। इससे काफी नुकसान हो रहा है।
उर्मिला देवी
बच्चों को लेकर ई-केवाईसी के लिए दिन भर लाईन में खड़ा रहना समस्या है। सरकार को इस संबंध में विशेष उपाय करना चाहिए जिससे राहत मिल सके।
मिठू कुमारी
ई-केवाईसी के लिए पंचायत स्तर पर विशेष कैंप का आयोजन होना चाहिए। ताकि कार्य सुगमतापूर्वक संपन्न हो सकें और किसी को परेशानी भी न हो। रीता देवी
कड़ी धूप में ई-केवाईसी के लिए दिनभर खड़े रहना दूभर है। इससे काफी परेशानी होती है। सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए।
शिवानी देवी
विभिन्न बैंकों को ई-केवाईसी के लिए अपनी नीतियों को उदार करना चाहिए। ताकि सभी महिलाएं आसानी से अपने अपने कार्य को संपन्न कर सकें।
पूजा कुमारी
ई-केवाईसी के लिए अंतिम तिथि को बढ़ाना चाहिए। जिससे लोग जल्दबाजी में विभिन्न केंद्रों पर भीड न लगाएं। इससे बैंकों को भी काफी आसानी होगी।
गीता देवी
सरकार को विभिन्न योजनाओं में ई-केवाईसी को अनिवार्य न करते हुए योजना का लाभ जारी रखना चाहिए। जिससे अधिक से महिलाएं लाभ ले सकें।
रेशमी देवी
बढ़ती गर्मी को देखते हुए ई-केवाईसी के केंद्रों पर पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि महिला खाताधारियों को पानी के लिए भटकना न पड़े। सरिता देवी
ई-केवाईसी के लिए आने वाली महिलाओं का यथाशीघ्र समस्याओं का निराकरण कर लेना चाहिए। जिससे उन्हें बार-बार बैंक न आना पड़े। इससे राहत मिलेगी।
पूजा कुमारी
घर के जरूरी कामों को छोड़कर पूरा समय केवाईसी के लिए व्यतीत करना बेहद मुश्किल है। घर के महत्वपूर्ण कार्य लंबित रह जा रहे है। इससे परेशानी होती है। कांता देवी
सरकार को योजनाओं का लाभ देने के लिए न्यूनतम दस्तावेज की मांग करनी चाहिए। ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इससे सभी को काफी लाभ होगा। बउधी देवी
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