बोले रामगढ़:कटिया प्लांट से नियमित जलापूर्ति कराई जाए
कटिया प्रखंड में जलापूर्ति योजना के तहत बनाए गए वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है। दो लाख लीटर क्षमता के बावजूद, पानी की सप्लाई ठीक से नहीं हो पा रही है। लोग दूर-दूर से पानी...

पतरातू। कटिया में वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट होने के बावजूद भी पतरातू प्रखंड के कटिया और कोतो पंचायत के ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ रही है। जबकि प्रखंड के दो पंचायतों के दर्जनों टोला में हर घर नल योजना के तहत पानी पहुंचाना था। इसके लिए कटिया में स्वच्छता विभाग की ओर से काफी बड़े क्षेत्रफल में दो लाख लीटर से अधिक क्षमता का विशाल वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट और विशाल जलमीनार बनाया गया है। जबकि पुत्रिया नाला से इस फिल्ट्रेशन प्लांट में पानी लाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्लांट के नजदीक एक बड़ा बोरिंग किया गया है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से कटिया के ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या साझा की। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तहत पतरातू प्रखंड के कटिया में डीएमएफटी फंड से लगभग चार करोड़ रुपए की लागत से बना हुआ यह वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट, ग्रामीणों को जल आपूर्ति करने में विफल हो रही है। इस वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट में पानी सप्लाई किए जाने को लेकर जल संचय करने में असक्षम होते दिख रहा है। इस वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट के बारे में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बताते हैं कि इस प्लांट में उतना पानी जमा नहीं हो पाता है जितना की जरूरत है। बताया जाता है कि इससे फिल्ट्रेशन प्लांट के निर्माण के बाद कुछ वर्षों तक दो-चार दिन छोड़कर पानी सप्लाई किया गया। इसके बाद समस्याएं उत्पन्न होने लगी। महीना दो महीना होने के बाद भी अगर प्लांट चालू होता है, तो कभी इस गांव में पानी सप्लाई किया जाता है, तो कभी उसे गांव में पानी सप्लाई किया जाता है। कभी भी इस प्लांट से पानी सप्लाई किए जाने के लिए चयनित गांव में लगातार जलापूर्ति नहीं किया जा सका है। पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से लगभग दस डिसमिल क्षेत्रफल में बना हुआ लगभग दो लाख लीटर क्षमता वाले इस वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट से प्रखंड के दो पंचायतों में जला पूर्ति किए जाने के लिए चयनित किया गया है। जिसमें कटिया और कोतो पंचायत शामिल है। इसमें कटिया पंचायत के कटिया गांव के ऊपर टोला, नीचे टोला, गैस गोदाम टोला, परसनिया टोला, कोईल पारा आदि शामिल हैं। जबकि कोतो पंचायत के मुंडा टोला, महली टोला आदि कई टोला शामिल हैं। इसके अलावा कटिया गरेवा टांड़ के लोग भी पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं क्योंकि यहां पर हर घर जल नल योजना के तहत जल मीनार बनाया गया है।
जिसमें बोरिंग के माध्यम से पानी ले जाया जाता है इसके बाद गांव और टोला में पानी का सप्लाई किया जाता है। किंतु इस गर्मी में पानी की पहुंच अभी तक कोसों दूर है। क्योंकि किए गए बोरिंग से अब पानी मिलाना बंद हो गया है। गांव में जल पाइप बिछाया गया है, तो इस टोला में जलमीनार तक में भी पानी नहीं पहुंचता है। जिससे लोग इस परियोजना को लेकर काफी आहत हैं। लोग कहते हैं कि पाइप बिछाने के दौरान गांव और टोला के कालीकरण रोड की तोड़फोड़ की गई, किंतु उसे अभी तक मरम्मत नहीं किया गया। इससे भी लोग खिन्न हैं। साथ ही आस लगाए हुए हैं कि आज नहीं तो कल तोड़े गए सड़कों का मरम्मत किया जाएगा।
ग्रामीण बताते हैं कि फिल्ट्रेशन प्लांट से लगभग दो किमी के रेडियस पर सभी गांव हैं। समुचित व्यवस्था नहीं होने से आज भी वे पानी से वंचित हैं। उनके घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। लाचार होकर लोग दूर से पानी लाकर परिवार का प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। विभागीय अभियंता बताते हैं, जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पुत्रियां नाला के इंटक में जल जमाव नहीं हो पा रहा है। साथ ही बोरिंग से भी समुचित पानी नहीं मिल पा रहा है। कभी-कभी तो पुत्रिया नाला स्थित इंटेक वेल के विद्युत में खराबी उत्पन्न हो जाने से भी जलापूर्ति बाधित होती है। शीघ्र ही दुरुस्त करने के बाद पूरे क्षेत्र में पानी का सप्लाई किया जाएगा। किंतु यह सवाल खड़ा होता है कि इंटेक में गाद जमा हो जाने से बार-बार मशीन खराब होने का कोई स्थाई निदान विभाग की ओर से क्यों नहीं निकाला जाता है।
2019 में शिलान्यास हुआ था कटिया जलापूर्ति योजना
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इस महत्वाकांक्षी कटिया जलापूर्ति योजना का शिलान्यास सबसे पहले वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन किया था। इसके बाद पंचायत को हैंड ओवर नहीं किए जाने के कारण इसका उद्घाटन आज तक नहीं किया गया है। जलापूर्ति किए जाने को लेकर बड़ा जल मीनार बनाने, इसके निकट बोरिंग की व्यवस्था के साथ-साथ बड़ा टंकी का निर्माण भी किया गया है। पंचायत में बड़ा जल मीनार बनाया गया है। जिस जलमीनार की क्षमता लगभग दो लाख लीटर है। यह जलमीनार उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटिया के निकट बनाया गया है।
लोग दूर से पानी लाकर प्यास बुझाने को मजबूर
कटिया में स्वच्छता विभाग की ओर से लगभग 10 डिसमिल में दो लाख लीटर क्षमता का विशाल वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट बनाया गया। फिल्ट्रेशन प्लांट से इन दो गांव की दूरी महज एक से दो किलो मीटर तक की दूरी है। इसमें कई गांव और टोला तक जल पाइप बिछाए गए हैं। किंतु आज भी लोग प्यासे हैं। क्योंकि उनके घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि उनके घरों में दो माह से पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके पूर्व में कभी -कभी पानी पहुंचता था। इसके लिए सांसद, विधायक और विभाग की ओर से प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि लोगों की प्यास बुझ सके।
मशीन बार-बार हो जाती है खराब
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग अंतर्गत पतरातू प्रखंड के कटिया जलापूर्ति को सफल संचालन के लिए पुत्रियां नाला में इंटेक वेल सहित जल मीनार बनाया गया है। इन दोनों जगहों पर बार-बार मशीन खराब हो जाता है। इसमें खासकर पानी खींचने वाला मशीन ही खराब हो जाता है। जिसके कारण पानी का सप्लाई बाधित हो जाता है। साथ ही यहां पर विद्युत व्यवस्था भी ठीक नहीं है। कभी यहां पर बिजली आपूर्ति में खराबी उत्पन्न हो जाती है। तो कभी बिजली में खराबी आ जाती है।
सुचारू रूप से नहीं मिल रहा है पानी
कटिया फिल्ट्रेशन प्लांट से जिन चयनित गांव और टोला में पानी का सप्लाई किया जाना है। उन्हें चयनित गांव और टोला में सुचारू रूप से कभी भी पानी का सप्लाई नहीं हो पता है। लोग बताते हैं कि विभाग को इसे ठीक करने की जरूरत है। विभाग इसके प्रति अभी तक उदासीन बनी हुई है। दोनों पंचायत के दोनों गांव के विभिन्न टोला में पानी देने के लिए क्षमता नहीं है। इसके लिए भी विभाग को सुदृढ़ व्यवस्था करनी चाहिए। बिछाए गए जल पाइपों से प्रत्येक घर में जला पूर्ति हो सके इसकी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि लोगों के घर तक पेयजल की व्यवस्था हो।
कटिया में फिल्ट्रेशन प्लांट से गांव तक जल पाइप बिछाए गए हैं। किंतु आज भी लोग प्यासे हैं। घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके लिए विभाग को प्रयास करना चाहिए। -निधि सिंह, मुखिया
पीएचडी विभाग की ओर से कटिया में फिल्ट्रेशन प्लांट, कई क्षेत्रों में टंकी का निर्माण किया। कटिया और को लतो पंचायत के छह सौ घरों में जल नल पहुंचाया, किंतु योजना पूरा नहीं किया। -जयप्रकाश सिंह
हमारे पंचायत क्षेत्र में करोड़ों की लागत से फिल्ट्रेशन प्लांट बना है। जल नल योजना के तहत पाइप बिछाए गए हैं। फिर भी सफल संचालन के अभाव में लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। -किरण देवी
पाइप बिछाया गया है, किंतु पानी नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र में पानी का अकाल हो गया है। टोला मोहल्ला के लोगों को जान रखने के लिए मोहल्ला से दूर लगा हुआ एकमात्र सहारा चापा नल है। -रीता देवी।
कटिया जहां पर फिल्ट्रेशन प्लांट है। इस गांव में टंकी भी है। सब कुछ होने के बावजूद विभागीय विफल है। जल नल योजना से इस गांव में पानी नहीं मिल रहा है। -नंदकिशोर महतो
कटिया, कोतो और गरेवा गांव में ही नहीं अन्य गांव में भी जल नल योजना के तहत पाइप बिछाए गए। किंतु इस योजना के तहत ग्रामीणों को सुचारू रूप से पानी नहीं मिल पा रहा है। -नागेश्वर महतो
पानी की आवश्यकता एक मूलभूत आवश्यकता है। प्रतिदिन पानी लोगों तक पहुंचना चाहिए। कटिया पंचायत में सुचारू रूप से पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। -भुवनेश्वर महतो
कटिया और कोतो ही नहीं बल्कि पूरे बड़कागांव विस क्षेत्र में पेयजल का हाहाकार है। लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। सरकार को लोगों के प्यास बुझाने के लिए प्रयास करना चाहिए। -गणेश ठाकुर
कटिया और गरेवा टांड़ में पानी की भारी किल्लत है। कुआं सूखने के कगार पर है। टोकीसूद जलापूर्ति योजना आए दिन बाधित रहता है। हमें अगल-बगल चापानल से पानी लाना होता है। -शकुंतला देवी
कटिया में फिल्टर हाउस का निर्माण किया गया है। कटिया और कोतो पंचायत में इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए घर-घर नल लगाया गया है, लेकिन सब कुछ बेकार है। -संगीता देवी
कटिया गांव में जलनल योजना के तहत पाइप बिछाने के बावजूद गांव में कभी कभार ही पानी मिलता है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। -गोबिंद महतो
कटिया में फिल्टर प्लांट का निर्माण किया गया है। यहां पर जलमीनार में पानी भरने के लिए बोरिंग किया गया है। लेकिन इसके बावजूद सभी तरफ लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। -जलेश्वर महतो
सिर्फ पतरातू प्रखंड क्षेत्र ही नहीं, बल्कि झारखंड में पेयजल का किल्लत है। राज्य सरकार लोगों तक पानी पहुंचने में विफल है। जनता के बीच पेयजलापूर्ति को लेकर सदन में भी आवाज उठाई है। वर्तमान में राज्य सरकार केंद्र सरकार की दुहाई देकर पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। राज्य में करोड़ों करोड़ों की योजना अधूरी है। जिसे शीघ्र क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।
-रोशन लाल चौधरी, विधायक
पेयजल, स्वच्छता विभाग की ओर से कटिया में चार करोड़ की लागत से फिल्ट्रेशन प्लांट बनाया गया। इससे लोगों के बीच काफी उत्साहित हुए। उन्हें आशा था कि करोड़ों की लागत से बनाए गए इस फिल्ट्रेशन प्लांट से लोगों को लाभ मिलेगा। किंतु इसका उल्ट विभागीय उदासीनता के कारण जनता आज तक इसे हैंडोवर तक नहीं किया गया है। पानी के बिना लोग त्राहिमाम कर रहे हैं।
- किशोर कुमार महतो, मुखिया
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