विश्रामपुर में पोजिशन लेने गए प्रबंधन को ग्रामीणो के विरोध के कारण बैरंग वापस लौटना पड़ा
खलारी के सीसीएल के केडीएच परियोजना में नौकरी के लिए पोजिशन दिलाने आए प्रबंधन को विश्रामपुर के ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों को जमीन के बदले नौकरी देने का विरोध...

खलारी, निज प्रतिनिधि। सीसीएल के केडीएच परियोजना में नौकरी के लिए पोजिशन दिलाने के लिए आये सीसीएल प्रबंधन को विश्रामपुर के ग्रामीणों के विरोध के कारण बैरंग बापस लौटना पड़ा। केडीएच परियोजना में जमीन के बदले दो लोगों को नौकरी के लिए पोजिशन लेने के लिए सीसीएल प्रबंधन ,प्रशासन, अंचल सहित सीआईएसएफ जवान पंहुचे। इसकी जानकारी विश्रामपुर के रैयतों को मिली तो काफी संख्या में रैयत विस्थापित और रैयत विस्थापित मोर्चा के लोग विश्रामपुर में उक्त जगह पर पहुंचे। केडीएच प्रबंधन जमीन कि पोजीशन लेने के लिए जेसीबी मशीन लेकर आयी थी। केडीएच पीओ अनिल कुमार सिंह, खलारी इंस्पेक्टर जयदीप टोप्पो और खलारी अंचल के कर्मियों के सामने ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्ति को जमीन के बदले नौकरी देने का विरोध करते हुए पोजिशन नहीं लेने दिया।
दोनों पक्षों ने अपनी- अपनी बातों को प्रशासन के समक्ष रखा। ग्रामीणों की ओर बताया गया कि जिस जमीन पर दो लोगों को नौकरी लेने के लिए आये वह लोग इस पंचायत के नहीं है और न ही उन्हें कोई जानता है। उनके पूर्वजों की जमीन को गलत तरीके से खरीद बिक्री का कागज बनाकर नौकरी लेने के लिए लगे हुए हैं, जिसे ग्रामीण कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि जो बाहरी लोग दावा करते हैं उनकी इस गांव में कोई घर भी नहीं है इसलिए यह साबित होता है कि पूरी तरह से मिलीभगत करके कागजात बनाकर रैयतों की जमीन पर खुद नौकरी लेने की जुगाड़ में है। ग्रामीणों ने केडीएच प्रबंधन पर आरोप लगाया गया कि प्रबंधन जान- बूझकर विश्रामपुर में माहौल बिगाड़ने में लगा हुआ है जबकि पूर्व में भी ग्रामीणों ने विरोध करते हुए बाहरी व्यक्ति को गलत तरीके से बनाये गए जमीन में नौकरी देने को लेकर प्रबंधन का जोरदार विरोध किया गया था। रैयतों के द्वारा प्रशासन और अंचल को कागजात दिखाए जाने के बाद प्रबंधन सहित अन्य लोग बैरंग वापस लौट गए। ग्रामीणों ने बताया उक्त जमीन को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में भी लिखित शिकायत की गई है और अभी मामला चल रहा है ऐसे में केडीएच प्रबंधन के द्वारा बार- बार रैयतों के साथ कि जा रहे छल से प्रबंधन के खिलाफ रैयत विस्थापित का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जल्द ही प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
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