Jharkhand Hospitals to Conduct Fire and Electrical Safety Audits Amid Rising Fire Risks राज्य के सभी अस्पतालों में फायर और बिजली सुरक्षा ऑडिट, Ranchi Hindi News - Hindustan
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राज्य के सभी अस्पतालों में फायर और बिजली सुरक्षा ऑडिट

एमडी, एनएचएम ने सभी मेडिकल कॉलेज एवं सिविल सर्जनों को जारी किया निर्देश सभी निजी

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 19 April 2025 02:16 AM
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राज्य के सभी अस्पतालों में फायर और बिजली सुरक्षा ऑडिट

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो गर्मी के महीने में अस्पतालों में लगने वाली आग को रोकने के लिए झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज एवं सभी अस्पतालों में फायर ऑडिट एवं विद्युत सुरक्षा ऑडिट करवाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक अबू इमरान ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों, सिविल सर्जन एवं जिला अस्पतालों के उपाधीक्षकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि गर्मी के महीने में आग की घटनाओं में इजाफा हो जाता है। पाया गया है कि आग का प्राथमिक स्रोत विद्युत प्रतिष्ठानों में खराबी है। ऐसे में अस्पतालों में आग से बचाव के उपाय सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे में जिलों के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और विद्युत सुरक्षा के निरीक्षक से संपर्क कर स्वास्थ्य संस्थानों में फायर व विद्युत सुरक्षा ऑडिट ससमय कराया जाए। इस ऑडिट में कोई कमी पाई जाती है तो उसे खामी को दूर करें। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स व अन्य निजी चिकित्सा ईकाईयों का पंजीकरण व नवीकरण करते समय उस चिकित्सा ईकाई के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय एवं अग्निशमन अधिकारी द्वारा निगत अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया जाए।

21 से 26 अप्रैल तक फायर सेफ्टी वीक मनाया जाएगा

भारतीय अग्निशाम सेवा महानिदेशक के अनुसार 21 से 26 अप्रैल तक फायर सेफ्टी वीक मनाया जाना है। अभियान निदेशक ने कहा है कि 'एकजुट हो, अग्नि सुरक्षित भारत को प्रज्जवलित करें' पर केंद्रित वीक के दौरान विभिन्न आयोजनों के साथ साथ दो दिवसीय पैन इंडिया वेबिनार का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही आग से बचाव, निबटने के उपाय, प्रबंधन व जागरूकता आदि विभिन्न विषयों पर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईएमए व डिसैस्टर मैनेजमेंट सेल द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य संस्थानों के प्रतिनिधि ससमय वर्चुअली भाग लेंगे।

मेडिकल कॉलेजों, सीएस व जिला अस्पतालों को निर्देश

अभियान निदेशक ने कहा है कि गर्मी को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज एवं स्वास्थ्य संस्थानों में आंतरिक एवं वाह्य विद्युतीकरण का त्रुटिरहित रहना जरूरी है। आनवश्यक विद्युत प्वाइंट को चालू रखने से बिजली खपत में वृद्धि होने के साथ ही विद्युत लोड बढ़ता है। इससे ओवरहीट होकर क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है। जिन स्थानों पर संवेदनशील उपकरण स्थापित हों, वहां अग्निशमन संयंत्रों को क्रियाशील रखा जाए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में त्वरित प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। अस्पतालों के जो विभाग निर्धारित अवधि के बाद बंद करने की व्यवस्था है वहां संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति में विद्युत आपूर्ति बंद की जाए।

अधिकारियों के नंबर किए जाएं प्रदर्शित

किसी भी आकस्मिक घटना पर संस्थान के अधिकारी, कर्मचारियों व अग्निशमन विभाग के संबंधित अधिकारियों को तत्काल सूचित करने के लिए उनके मोबाइल नंबर एवं संस्थान का इमरजेंसी नंबर अस्पताल के मुख्य स्थल पर प्रदर्शित करें। अस्पतालों के ओपीडी व इनडोर आदि में अनावश्यक रूप से कोई भी विद्युत प्वाइंट चालू न रखे जाएं। ज्वलनशील पदार्थ, पेपर, फाइल आदि को विद्युत सप्लाई, स्वीच बोर्ड व विद्युत उपकरणों के पास न रखें।

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