गढ़वा के बिरजा गांव के लोगों को एक माह से नहीं मिला राशन, हाईकोर्ट ने डीसी को जांच का आदेश दिया
गढ़वा जिले के बिजका गांव की 45 परिवारों की महिलाओं ने एक साल से कम राशन मिलने और विरोध करने पर राशन देने से इनकार पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तीन महिलाओं ने याचिका दायर कर उपायुक्त से जांच और उचित...

रांची, विशेष संवाददाता। गढ़वा जिले के बिजका गांव के 45 परिवारों को एक साल से निर्धारित मात्रा से कम राशन देने और इसका विरोध करने पर राशन देने से पीडीएस डीलरों के इनकार के बाद महिलाओं ने हाईकोर्ट की शरण ली है। गांव की तीन महिलाओं की याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने प्रार्थियों को गढ़वा के उपायुक्त के समक्ष आवेदन देने और उपायुक्त को मामले की जांच कर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है। उपायुक्त को प्रार्थियों के आवेदन मिलने के दो माह के अंदर सभी कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में बिजका गांव की प्रभावती देवी, फुलमनिया देवी और सरोज देवी ने याचिका दार की है। याचिका में कहा गया है कि वह सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पीएचएच कार्डधारक और अनुसूचित जनजाति के हैं। वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दर पर पांच किलोग्राम प्रति माह राशन पाने के हकदार हैं। लेकिन, संबंधित पीडीएस डीलर जनवरी 2024 से राशन देने से इनकार कर दिया है। पहले डीलरों ने निर्धारित मात्रा से कम राशन देने लगा। जब इसकी शिकायत की गई तो उसने राशन देना ही बंद कर दिया। गांव के 45 लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है। इसके विरोध में उन्होंने संबंधित अधिकारियों के पास आवेदन भी दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राशन और मुआवजा भी देने का आग्रह
अदालत से राशन दिलाने और राशन नहीं मिलने की अवधि का मुआवजा दिलाने का भी आग्रह प्रार्थियों ने किया। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को उपायुक्त के पास आवेदन देने और उपायुक्त को मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी।
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