Soil Testing Benefits Farmers Increased Crop Yield and Economic Gains मिट्टी जांच कर खेती करने से बदल रही किसानों की तकदीर, Sahibganj Hindi News - Hindustan
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मिट्टी जांच कर खेती करने से बदल रही किसानों की तकदीर

साहिबगंज में किसानों को मिट्टी जांच करवाने से फसल उत्पादन में वृद्धि और आर्थिक लाभ मिल रहा है। पहले बिना मिट्टी जांच के खेती करने से नुकसान होता था। अब कृषि वैज्ञानिक मिट्टी की उर्वरकता के अनुसार उचित...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजWed, 21 May 2025 10:27 PM
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मिट्टी जांच कर खेती करने से बदल रही किसानों की तकदीर

साहिबगंज। किसानों को मिट्टी जांच करवाकर खेतीबारी करने से कई फायदे हो रहे हैं। मुख्यत: किसानों को समय पर अपने खेत की उवर्रकता क्षमता का पता चल पा रहा है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक खेती करने से फसल की उत्पादन क्षमता भी बढ़ रही है। इससे किसान को आर्थिक लाभ हो रहा है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि पहले आमतौर पर बिना मिट्टी जांच कराए ही खेती की जाती थी। इससे किसानों को अपने खेत की उर्वरकता क्षमता का पता नहीं चल पाता था। यह भी पता नहीं चल पाता था कि उनका खेत किस मौसम और फसल के लिए उपयुक्त है।

इससे कई बार किसानों को खेतीबारी में भारी नुकसान भी उठाना पड़ता था। अब मिट्टी जांच रिपोर्ट के आधार पर कृषि वैज्ञानिक किसानों को समय पर खेतीबारी के लिए उचित सलाह दे रहे है। बड़ी बात यह है कि संबंधित किसान के खेत में जैविक या रसायनिक कौन खाद का इस्तेमाल करना बेहतर होगा,यह भी पहले ही बता दिया जा रहा है। इधर, जिला में खरीफ मौसम के लिए बीते 19 मई से जिले में मिट्टी जांच का काम शुरू हो गया है। बीते दो दिनों के भीतर जिले के 181 किसानों के खेतों के मिट्टी नमूने जांच को प्रयोगशाला भेजा जा चुका है। यह काम आगामी 30 जून तक चलेगा। फोटो 113, बरहेट में पहाड़िया जनजाति के किसान के खेत के मिट्टी नमूने लेते किसान मित्र। 11,870 स्थानों के मिट्टी नमूने जांच के लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में सॉओएल हेल्थ एंड फार्टिलिटी योजना के तहत विभाग ने जिला में मिट्टी नमूना संग्रह का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। जिले के कुल 276 गांवों में कुल 11,870 स्थानों या किसानों के यहां मिट्टी नमूना संग्रह करना है। इसके लिए खरीफ व रबी यानी दो मौसम को चुना गया है। खरीफ में 8310 एवं रबी में 3560 स्थानों की जांच का लक्ष्य दिया गया है। मोबाइल एप से लिए जाते हैं मिट्टी नमूने मिट्टी नमूने लेने के लिए एसएचसी मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जाता है। किसान मित्र संबंधित किसान के खेत के मिट्टी के नमूने (सैम्पल)संग्रह कर संयुक्त कृषि भवन परिसर स्थित मिट्टी प्रयोगशाला को उपलब्ध कराते हैं। प्रयोगशाला में जांच कर उसकी रिपोर्ट संबंधित किसान को उपलब्ध करा दी जाती है। प्रति नमूने जांच मिलते हैं 50 रुपए मिट्टी जांच करने प्रति नमूने किसान मित्र को विभाग से 50 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। हालांकि मिट्टी जांच बिल्कुल नि:शुल्क है। संबंधित किसान से कोई राशि नहीं लेनी है। किस प्रखंड में कितने नमूने की जांच: प्रखंड गांव की संख्या खरीफ का लक्ष्य साहिबगंज 21 644 बोरियो 30 888 बरहेट 35 1070 पतना 25 850 बरहड़वा 35 1103 उधवा 35 1103 राजमहल 35 1078 तालझारी 25 846 मंडरो 35 728 किसानों ने क्या कहा: बरहेट के खैरवा पंचायत के डुमरिया के किसान रमेशचंद्र रविदास ने कहा कि मिट्टी जांच कराने के बाद खेतीबारी करने से कई फायदे हैं। इससे फसल का सही चयन हो पाता है। फसल की देखरेख में भी मदद मिलती है। ------------------------ साहिबगंज प्रखंड के हर प्रसाद पंचायत के रामपुर दियारा के किसान राजेश सिंह ने कहा कि खेतीबारी के लिए पहले खेत की मिट्टी जांच करवा लेना चाहिए। इससे फसल नुकसान होने की संभावना कम रहती है। इसका लाभ किसान को होता है। ------------------------ साहिबगंज प्रखंड के हर प्रसाद पंचायत के रामपुर दियारा के चनारीक सिंह ने कहा है कि मिट्टी जांच कराने के बाद खेती करने से फसल उत्पादन में इजाफा होता है। उस मिट्टी में कौन सी फसल लगाना उचित होगा यह पहले ही पता चल जाता है। कृषि वैज्ञानिकों की राय: -अलग-अगल खेत के मिट्टी की उर्वरक क्षमता में भिन्नता हो सकती है। ऐसे में सभी खेत में एक ही फसल या तरीके अपनाने से किसान को नुकसान हो सकता है। -पौधों को वृद्धि व विकास के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यह हवा,जल व मिट्टी से प्राप्त होती है। इनमें प्रमुख पोषक तत्व मिट्टी में ही प्रचुर मात्रा में रहता है। -अगर मिट्टी में आवश्यक पोषकतत्व की कमी रहती है तो पौधों को उचित मात्रा में भोजन प्राप्त नहीं होती है। इसकी पूर्ति के लिए उसी मुताबिक जैविक रसायनिक व जीवाणु खादों का इस्तेमाल खाद के रूप में करना पड़ता है। -मिट्टी में उत्पन्न दोष जैसे अम्लीयता, लवणीयता, क्षारीयता आदि का पता लगा जाता है। इससे फसल बुआई से पहले ही सही उपचार की सलाह किसान को मिल जाती है। खरीफ मौसम शुरू होने से पहले ही जिले के किसानों के खेतों की मिट्टी जांच का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह काम आगामी 30 जून तक चलेगा। प्रमोद एक्का जिला कृषि पदाधिकारी साहिबगंज

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