झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे गिरफ्तार, इन आरोपों के बाद हुई कार्रवाई
आबकारी विभाग के सचिव के रूप में चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में हुई अनियमितताओं के आरोप की जांच ACB कर रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने 1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे के खिलाफ FIR दर्ज करने की अनुमति दी थी।

झारखंड में हुए शराब घोटाले के सिलसिले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वरिष्ठ IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एसीबी की एक टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए एजेंसी के मुख्यालय ले गई। इसके बाद घंटों तक हुई पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। एक विशेष अदालत द्वारा चौबे को तीन जून तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उन्हें यहां होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एसीबी ने आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ की।
एसीबी ने विनय कुमार चौबे पर छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड में नई शराब नीति बनाने और राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाया। पीई की जांच के दौरान एसीबी ने कई बार तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे और गजेंद्र सिंह से पूछताछ की।
बता दें कि आबकारी विभाग के सचिव के रूप में चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में हुई अनियमितताओं के आरोप की जांच एसीबी कर रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने 1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में चौबे और सिंह से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी।