10-12 साल का बच्चा कमरे में अकेले रहना चाह रहा तो उससे ना कहें ये बातें
11 year-old stays in room all day: अगर आपका बच्चा 10 साल से 14 साल के बीच का है और वो अपने कमरे में अकेले रहना पसंद कर रहा है। तो उसे पैरेंट्स भूलकर भी इस तरह की बात ना कहें।

10 से 14 साल तक के बच्चों की परवरिश काफी मुश्किल भरी होती है। इस वक्त पर बच्चों के मन में कई सारी बातें चलती रहती हैं। वहीं ये वक्त उनके फिजिकल बदलाव का भी होता है। ऐसे समय में अगर हर काम के लिए उन्हें पैरेंट्स रोकते या टोकते हैं तो इससे बच्चों के मन में माता-पिता के लिए दूरियां बन जाती है। अगर आपका बड़ा होता बच्चा दिनभर अकेले कमरे में समय बिता रहा है तो भूलकर भी उसे ये बातें ना बोलें।
बार-बार ना कहें
बच्चा अगर अकेले कमरे में बैठ रहा है तो बार-बार बच्चे को उस काम के लिए टोकें नहीं। बल्कि मौका मिलने पर उनसे यूं हीं कैजुअली बातें करें। पढ़ाई-लिखाई या किसी भी टॉपिक पर बस उनसे बात करें।
बच्चे पर शक ना करें
बच्चा अगर अकेले कमरे में बैठ रहा है तो उसकी स्क्रीन टाइम, मोबाइल चलाने की आदत को लेकर ना रोकें। बल्कि उसकी स्क्रीन टाइम पर नजर रखकर किसी बहाने से बाउंड्री सेट करें।
बच्चे को ये ना कहें कि रूम मत बंद करना
बच्चा रूम में अकेले बैठ रहा है तो उस रूम को बिल्कुल लॉक करके ना बैठने दें और ना ही उसे बंद करने से मना करें। बस सॉफ्टली उस कमरे में अपनी एक्सेस बनाकर रखें और किसी ना किसी काम से जाते रहें। बच्चे के रूम को कंफर्ट जोन में रहने दें लेकिन पूरी तरह से प्राइवेसी ना दें।
'दिनभर बैठे रहते हो'- ऐसा ताना ना मारें
बच्चे का पूरा टाइम घर में पढ़ने, सोने और फोन देखने में बीत रहा है तो उसे ताना ना मारें। बल्कि खुद आगे बढ़कर उसे किसी क्रिएटिव क्लास, हॉबी क्लास में एडमिशन कराएं और इनवॉल्व होने के लिए बोलें।
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