बच्चों की तरक्की के लिए अपनाएं परवरिश के ये 5 मॉडर्न तरीके, रिश्ता और भविष्य दोनों होंगे बेहतर
जमाना बदल गया है और अब नए पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि अपनी परवरिश के तरीके में भी थोड़ा सा बदलाव लाएं। समय के साथ बैलेंस पेरेंटिंग बच्चे के साथ आपके रिश्ते और उसके भविष्य दोनों को बेहतर बनाएगी।

आज के समय में पेरेंटिंग पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण और जिम्मेदारी भरा काम बन चुका है। बदलते जमाने में तकनीक की तेज रफ्तार और बच्चों के मनोविज्ञान में हो रहे बदलावों के बीच माता-पिता के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपने बच्चों को ना सिर्फ पढ़ाई में अव्वल बनाएं, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी मजबूत बनाएं। आज की दुनिया में वही बच्चे सफल हो सकते हैं, जिनमें भरपूर आत्मविश्वास हो, निर्णय लेने की क्षमता हो, साथ ही भावनात्मक समझ और तकनीकी कौशल भी हो। आपका बच्चा दुनिया की ताल में ताल मिलाकर चल सके इसके लिए पेरेंटिंग का सही तरीका अपनाना बेहद जरूरी है। चलिए जानते हैं पेरेंटिंग से जुड़े कुछ खास टिप्स जो आपके बच्चे की तरक्की में मदद करेंगी।
बच्चे से कम्युनिकेशन बनाए रखें
मॉडर्न पेरेंटिंग की सबसे पहली शर्त ही यही है कि पेरेंट्स अपने बच्चे से अपने कम्युनिकेशन को स्ट्रांग बनाएं। अपने और बच्चों के बीच ऐसा बॉन्ड क्रिएट करें कि बच्चा आपसे खुलकर अपनी हर बात कह सके। इसके अलावा अपने डेली रूटीन में थोड़ा समय बच्चों से बातचीत करने के लिए जरूर निकालें। इस दौरान उनके मन की सुनें, उनके स्कूल और दोस्तों से जुड़ी बातें करें। अगर बच्चे को कोई समस्या हो तो उसे समझ कर सुलझाने का प्रयास करें। जब आप बिना टोके बच्चे की बात सुनते हैं, उनकी उलझन को शांति से बैठकर सुलझाते हैं तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उनके निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
डिजिटल दुनिया को समझदारी से अपनाएं
आज के बच्चे मोबाइल, लैपटॉप और इंटरनेट की दुनिया में जन्म ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें इन सब चीजों से पूरी तरह दूर रखना तो पॉसिबल नहीं हैं लेकिन बच्चे को स्मार्टली इन चीजों का इस्तेमाल करना जरूर सिखाया जा सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को स्क्रीन टाइम का संतुलित उपयोग सिखाएं। साथ ही ऑनलाइन सुरक्षा, सही कंटेंट और डिजिटल एथिक्स के बारे में भी खुलकर बात करें। आप खुद भी मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का यूज लिमिट में करें क्योंकि ध्यान रहे बच्चा आपको देखकर ही चीजें सीखता है।
बच्चे को बनाएं इंडिपेंडेंट
बच्चा बड़ा हो कर सफल हो, आत्मविश्वास से भरा हो इसके लिए जरूरी है कि आप उसे बचपन से ही इंडिपेंडेंट बनाएं। इसके लिए आप बच्चे को छोटी-छोटी जिम्मेदारियाँ दे सकती हैं। जैसे कि अपना बैग पैक करना, अपने कपड़े चुनना या टेबल पर खाना लगाना। ऐसे कई काम हैं जो आसानी से बच्चा सीख सकता है। ऐसा करने से बच्चा अपने काम खुद करने सीखेगा और धीरे-धीरे सेल्फ डिपेंडेंट बन जाएगा। इतना ही नहीं इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना भी आती है और वे समस्याओं का हल खुद ढूंढना सीखते हैं। यह गुण आगे चलकर उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में सफलता का आधार बनता है।
बच्चे के इंट्रेस्ट को जानें और उसे मोटिवेट करें
हर इंसान की अपनी अलग पसंद-नापसंद होती है। या यूं कहें कि सबका इंटरेस्ट ऑफ एरिया अलग-अलग होता है। ऐसे में आपका बच्चा किस चीज में इंटरेस्ट रखता है, इस चीज को समझें और बच्चे को पढ़ाई के अलावा उसके इंटरेस्ट ऑफ एरिया में आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करें। जब बच्चा अपने इंटरेस्ट से जुड़े क्षेत्र में फोकस करेगा तो उसके सफल होने के चांसेज बढ़ जाएंगे।
पॉजिटिविटी के साथ पढ़ाएं डिसिप्लिन का पाठ
अब वह जमाना गया जब बच्चों को डांट- डपटकर सभ्यता का पाठ पढ़ाया जाता था। आज के समय में बच्चों को डांट- डपटकर कुछ भी सिखाया नहीं जा सकता है। अब समय है कि बच्चे पॉजिटिविटी के साथ प्यार से समझा कर डिसिप्लिन का पाठ पढ़ाया जाए। बच्चा जब कोई गलती करें, तो उसे पर चिल्लाने या गुस्सा होने के बजाय प्यार और शांति से उसकी गलतियों को समझाएं। उसके इमोशंस की कद्र करें। इससे बच्चा सिक्योर फील करेगा और पॉजिटिविटी के साथ अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ेगा।
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