Survivor son said Minor boys with head mounted cameras were among Pahalgam attackers हमले में नाबालिग भी शामिल, कैमरा लगाकर आए थे और सेल्फी ले रहे थे; मृतक का चश्मदीद बेटा बोला, Madhya-pradesh Hindi News - Hindustan
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हमले में नाबालिग भी शामिल, कैमरा लगाकर आए थे और सेल्फी ले रहे थे; मृतक का चश्मदीद बेटा बोला

ऑस्टिन ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, ‘आतंकियों में 15-15 साल के नाबालिग लड़के शामिल थे और उनकी संख्या कम से कम चार थी। इस आतंकी वारदात के दौरान वे सेल्फी ले रहे थे और अपने सिर पर कैमरा लगाकर आए थे।’

Sourabh Jain भाषा, इंदौर, मध्य प्रदेशThu, 24 April 2025 06:09 PM
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हमले में नाबालिग भी शामिल, कैमरा लगाकर आए थे और सेल्फी ले रहे थे; मृतक का चश्मदीद बेटा बोला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के दौरान अपनी आंखों के सामने पिता को खोने वाले इंदौर के युवक का कहना है कि हमलावरों में नाबालिग लड़के भी शामिल थे, जो कि अपने सिर पर कैमरा लगाकर आए थे और वारदात के दौरान उन्होंने सेल्फी भी ली थीं। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे जिनमें इंदौर के सुशील नथानियल (58) भी शामिल हैं। हमले में जीवित बच निकले उनके बेटे का कहना है कि आतंकियों ने उनके सामने कम से कम छह लोगों को गोली मारी।

इस आतंकी वारदात में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे। वह अपने पूरे परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। इस हमले में जहां नथानियल की मौत हो गई, वहीं आतंकियों ने उनकी बेटी आकांक्षा (35) के पैर में गोली मारकर उसे घायल कर दिया। जबकि मौके पर ही मौजूद उनकी पत्नी जेनिफर (54) और उनका बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) हमले के दौरान सुरक्षित बच निकले थे।

'कम से कम चार नाबालिग आतंकी थे'

पिता की मौत से दुखी ऑस्टिन ने घटना की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया, ‘आतंकियों में 15-15 साल के नाबालिग लड़के शामिल थे और उनकी संख्या कम से कम चार थी। इस आतंकी वारदात के दौरान वे सेल्फी ले रहे थे और अपने सिर पर कैमरा लगाकर आए थे।’

'कलमा सुनने के बाद भी कपड़े उतरवाकर देखा'

ऑस्टिन ने आगे बताया कि 'आतंकियों ने उनके पिता और मौके पर मौजूद अन्य सभी लोगों से उनकी धार्मिक पहचान पूछने के बाद उन्हें गोली मारी। यहां तक कि उनके मुस्लिम होने की तसल्ली करने के लिए आतंकियों ने उनसे कलमा पढ़ने के लिए भी कहा, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे मुस्लिम हैं या गैर मुस्लिम?'

उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति आतंकियों के कहने पर उन्हें कलमा बोलकर भी बता रहा था, तब भी उन्होंने बाद में उसके कपड़े भी उतरवाकर उनके मुस्लिम होने की पुष्टि की थी। ऑस्टिन ने बताया कि, ‘इस तरीके से आतंकियों ने मेरे सामने छह गैर मुस्लिम लोगों को गोली मारी।’

युवक ने बताया अब सरकार से क्या चाहते हैं?

यह पूछे जाने पर कि वह अब सरकार से क्या चाहते हैं, अपने पिता को खोने वाले युवक ने जवाब दिया, ‘मैं बस इतना चाहता हूं कि उस जगह (बैसरन में) पुलिस और सेना के कर्मियों की बड़ी तादाद में तैनाती की जाए क्योंकि वहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं।’

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को सुशील नथानियल के घर जाकर उनके परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया था।
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इस बीच, नथानियल को गुरुवार को जूनी इंदौर कैथोलिक कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी जेनिफर बार-बार बदहवास होती दिखाई दीं, जिन्हें उनके बेटे ऑस्टिन और नजदीकी रिश्तेदारों ने संभाला। नथानियल की घायल बेटी आकांक्षा व्हीलचेयर पर कब्रिस्तान पहुंचीं और अपने पिता को अंतिम विदाई दी। कब्रिस्तान में नथानियल को श्रद्धांजलि देने वाले नेताओं में राज्य के कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी शामिल रहे।

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