मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल में 6 महीने के लिए AFSPA बढ़ाया, गृह मंत्रालय ने फैसले की बताई वजह
- गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद, सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा 3 की ओर से प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल किया।

केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के 2 राज्यों मणिपुर और नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। मौजूदा हालात को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी यह फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद, सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा 3 की ओर से प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल किया।
5 जिलों के 13 थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को छोड़कर पूरे मणिपुर को 1 अप्रैल 2025 से 6 माह तक अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है। मणिपुर के इंफाल, लांफेल, सिटी, सिंगजामेई, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हिंगांग, इरिलबुंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल और काकचिंग थाना क्षेत्र में अफस्पा प्रभावी नहीं होगा। अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों (तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग) और राज्य के 3 पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को छह महीने के लिए बढ़ाया गया है।मंत्रालय ने बताया कि यह अधिनियम केंद्र की मंजूरी के बिना अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां और अभियोजन से छूट देता है।
कब से लागू है अफस्पा और क्यों लगा?
मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में AFSPA क्रमश 1958, 1958 और 1972 से लागू है। इसकी मुख्य वजह इन क्षेत्रों में सक्रिय अलगाववादी और उग्रवादी समूहों की गतिविधियां हैं, जो भारत की संप्रभुता के खिलाफ हिंसक संघर्ष करते रहे हैं। नागालैंड में 1950 के दशक से नागा विद्रोह शुरू हुआ, जिसके बाद 1958 में AFSPA लागू किया गया। मणिपुर में भी इसी अधिनियम को 1958 में लागू किया गया, क्योंकि यहां विभिन्न जनजातीय समूहों और अलगाववादी संगठनों ने हिंसक आंदोलन शुरू कर दिया था। अरुणाचल प्रदेश में 1972 में AFSPA लागू हुआ, जब चीन और म्यांमार सीमा से सटे इलाकों में उग्रवादी गतिविधियां बढ़ गईं। यह कानून सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार देता है, जिसमें बिना वारंट के गिरफ्तारी और कुछ स्थितियों में गोलीबारी करने की इजाजत शामिल है।