मेरे पति की मौत का बदला ले लिया, धन्यवाद PM मोदी; पहलगाम में मारे गए शुभम की पत्नी
पहलगाम हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' नामक आतंकी संगठन ने ली थी। आज भारत ने बदला ले लिया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। अब भारत ने इस हमले का बदला पाकिस्तान के अंदर घुसकर लिया है। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पहलगाम में विधवा हुईं भारत की बेटियों को न्याय दिलाने का काम किया है। पहलगाम हमले में कानपुर के 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम द्विवेदी ने भी अपनी जान गंवाई थी। उनकी पत्नी ऐशान्या द्विवेदी की शादी को अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए थे, उन्होंने उस भयावह दिन को याद करते हुए अपनी पीड़ा को शब्दों में बयां किया। एक नई उम्मीद और गर्व के साथ, ऐशान्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
"ऑपरेशन सिंदूर" और पीएम मोदी का जवाब
ऐशान्या ने एक भावुक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैं पीएम मोदी को मेरे पति की मौत का बदला लेने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। मेरे पूरे परिवार को उन पर भरोसा था, और जिस तरह उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उन्होंने हमारा भरोसा जीवित रखा। यह मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। जहां कहीं भी मेरे पति होंगे, वे आज शांति में होंगे।" भारत सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसके तहत आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
इसके अलावा, पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, "इन्होंने जो कार्रवाई की है वो एकदम सही किया है और ऑपरेशन का नाम सिंदूर देकर महिलाओं को सम्मान भी दिया है..." पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कौस्तुभ गणबोटे के बेटे कुणाल गणबोटे ने कहा, "हमने जो प्रतिशोध लिया है ये एकदम सही है और ये होना ही चाहिए था। हम सभी इसी चीज की प्रतीक्षा कर रहे थे हम भारत सरकार से बहुत उम्मीद लगकर बैठे थे तो ये बिल्कुस सही किया। इन्होंने ऑपरेशन का नाम भी बिल्कुल सही दिया है 'सिंदूर' नाम देकर पीएम मोदी ने सभी महिलाओं को सम्मान दिया है.."
जब उजड़ गया ऐशान्या का संसार
22 अप्रैल को शुभम और ऐशान्या अपने परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर की खूबसूरत वादियों में छुट्टियां मना रहे थे। यह उनकी शादी के बाद दूसरी यात्रा थी, जिसे उन्होंने अपने परिवार के साथ बिताने का फैसला किया था। पहलगाम के बैसारन घाटी में वे घुड़सवारी और प्रकृति का आनंद ले रहे थे। दोपहर करीब 2:45 बजे, जब शुभम और ऐशान्या एक साधारण मैगी का आनंद लेने के लिए रुके थे, अचानक एक आतंकी ने उनसे उनका धर्म पूछा।
ऐशान्या ने बताया था, "हमने हंसते हुए कहा कि हम हिंदू हैं। इसके तुरंत बाद, आतंकी ने शुभम के सिर में गोली मार दी। मैंने अपने पति को अपनी आंखों के सामने खो दिया। वह पल मेरे लिए एक सेकंड में जिंदगी को खत्म कर देने वाला था।" कहा जा रहा है कि आतंकियों ने शुभम को पहला निशाना बनाया, जिसके कारण कई अन्य लोग सतर्क होकर भागने में सफल रहे। लेकिन ऐशान्या के लिए, यह उनकी दुनिया का अंत था।
हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' नामक आतंकी संगठन ने ली थी। ऐशान्या ने बताया कि आतंकियों ने उन्हें जिंदा छोड़ दिया ताकि वह सरकार तक उनका संदेश पहुंचा सकें। ऐशान्या ने रोते हुए कहा था, "उन्होंने मुझसे कहा, 'जाओ और मोदी को बताओ कि हमने क्या किया।"