मेट्रो-लोकल ट्रेनें होंगी और भी ज्यादा सुरक्षित, रेलवे ‘कवच 5.0’ की लॉन्चिंग को तैयार; क्या खासियत?
- KAVACH 5.0: भारतीय रेलवे स्वदेशी तकनीक से बने सुरक्षा उपकरण कवच के एक अगले वर्जन पर काम कर रही है। इसका निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री ने इसे मुंबई लोकल के लिए लॉन्च करने का ऐलान किया है।

भारतीय रेलवे देश भर के महानगरों में चलने वाली लोकल और मेट्रो के सफर को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाने जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि स्वदेशी तकनीक से बने कवच का अत्याधुनिक वर्जन 'कवच 5.0' जल्दी ही मुंबई जैसे महानगरों में चलने वाली उपनगरीय ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए लॉन्च किया जाएगा। वहीं रेल मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कवच के इस नए वर्जन से ट्रेनों के बीच में हेडवे में कमी आने की उम्मीद है, जिससे ट्रेनें सुरक्षित और कुशलतापूर्वक चल सकेंगी। कवच 5.0 के दिसंबर तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई के जियो वर्ल्ड कंवेंशन सेंटर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में अपनी बात रखते हुए कहा कि भारतीय रेलवे ने आगामी समय में राज्य में 1,73,804 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है, जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में महाराष्ट्र के रणनीतिक महत्व और इसके भविष्य के विकास को दिखाता है। रेल मंत्री ने कवच 5.0 के बारे में बात करते हुए कहा कि यह अत्याधुनिक सुरक्षा और सिंग्नलिंग सिस्टम है, इससे लोकल ट्रेनों में तेजी आएगी और उनको सुरक्षित किया जा सकेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इस समय पर मुंबई और अन्य महानगरों में लोकल ट्रेन सेवाओं के परिचालन में दो गाड़ियो के बीच में करीब 180 सेकंड का अंतर रहता है। हमारे इस कवच 5.0 की मदद से इस समय में हम तीस फीसदी की कटौती का लक्ष्य रख रहे हैं। इससे दो गाड़ियों को चलाने के समय में केवल 120 सेकंड का समय रह जाएगा। इस बचे हुए समय में हम 30 से 50 फीसदी अधिक गाड़ियां चला सकते हैं। इससे लोकल में कुल यात्रियों की दृष्टि से डेढ़ गुना का इजाफा हो जाएगा।
इसके अलावा रेल मंत्री ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए भी रेलवे द्वारा किए गए सुधारों पर प्रयास डाला। उन्होंने कहा कि जल्दी ही 238 नए एसी उपनगरीय रैक लाए जाएंगे। इन रैकों को मुंबई के यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए अनोखे ढंग से डिज़ाइन किया गया है, जो ज़्यादा आरामदायक और भरोसेमंद यात्रा अनुभव का वादा करते हैं। इनमें स्वचालित दरवाज़े लगाये गये हैं। इस बुनियादी ढांचे, टेक्नोलॉजी और रोलिंग स्टॉक की उन्नति से उपनगरीय सेवाओं की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे लाखों मुंबईकरों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में सुधार होगा।