सादगी पर ही 50 किताबें लिख डालीं; कुणाल कामरा का अब सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति पर तंज
- कामरा ने कहा, 'जो अमीर हो जाते हैं और मिडल क्लास होने की ऐक्टिंग करते हैं। उनमें से एक महान औरत है, उसका नाम है सुधा मूर्ति। सादगी की मूरत है वो। उसका वही क्लेम है कि मैं सिंपल हूं और उसने अपनी सादगी पर 50 किताबें लिखी हैं। हर किताब का पॉइंट यही है कि वह सिंपल है।'

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे पर गद्दार वाली टिप्पणी की थी, जिस पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच उनका एक और वीडियो आया है, जिसमें वह सुधा मूर्ति पर तंज कस कर रहे हैं। 45 मिनट के नया भारत शो में कुणाल कामरा ने कहा कि सुधा मूर्ति खुद को सादगी की मूरत बताती हैं, लेकिन इसका प्रचार भी खूब करती हैं। कामरा ने कहा, 'जो अमीर हो जाते हैं और मिडल क्लास होने की ऐक्टिंग करते हैं। उनमें से एक महान औरत है, उसका नाम है सुधा मूर्ति। सादगी की मूरत है वो। उसका वही क्लेम है कि मैं सिंपल हूं और उसने अपनी सादगी पर 50 किताबें लिखी हैं। हर किताब का पॉइंट यही है कि वह सिंपल है।'
यही नहीं कुणाल कामरा ने सुधा मूर्ति के पति और इन्फोसिस के फाउंडर एन. नारायणमूर्ति पर भी मजाक किया। उन्होंने कहा कि वह भारत की आर्थिक ग्रोथ के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात करते हैं। उन्होंने एक काल्पनिक कहानी गढ़ ली कि सुधा मूर्ति ने कम दामों में आम खरीद लिए, जबकि कॉरपोरेट ड्रेस की कोई महिला होती तो उसे महंगे मिलते। कामरा ने कहा, 'मैं आम बेचने वाले के पास गया और उसने मुझे बताया कि उस महिला के पास एक कंपनी में कॉरपोरेट जॉब है, जिसका नाम इन्फोसिस है। अब आप समझिए कि नारायणमूर्ति क्यों कहते हैं कि आपको 70 घंटे काम करना चाहिए।'
कुणाल कामरा के इस तंज पर फिलहाल सुधा मूर्ति या नारायणमूर्ति की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कुणाल कामरा ने पिछले दिनों मुंबई के खार इलाके में स्थित एक होटल के हैबिटेट क्लब में एक कार्य़क्रम किया था। इस कार्यक्रम के दौरान ही एकनाथ शिंदे पर तंज कसा था। उन्होंने शिंदे को गद्दार तक कह डाला था। कामरा ने एक पैरोडी सॉन्ग सुनाते हुए ठाणे का रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी, आंखों में चश्मा हाय जैसी टिप्पणी की थी। उनकी इस बात पर शिवसैनिकों में उबाल देखा जा रहा है। इस मामले में अब तक दो एफआईआर भी दर्ज हो गई हैं और मुंबई पुलिस ने कामरा को समन जारी किया है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर टिप्पणी की है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि ऐसी हरकतों का समर्थन करने वाले अर्बन नक्सलों और लेफ्ट लिबरल्स को सबक सिखाया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि स्टैंड-अप कॉमेडी की आजादी है। लेकिन जो मन में आए वह नहीं कहा जा सकता। यह जनता का काम है कि वह तय करे कि गद्दार कौन है। कुणाल कामरा को माफी मांगनी चाहिए। जो किया है, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। कॉमेडी करना अधिकार है, लेकिन यदि हमारे शिंदे जी की छवि खराब करने की कोशिश हुई तो स्वीकार नहीं किया जाएगा।