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वसंत विहार में DDA को झटका, इस योजना को नहीं मिली मंजूरी; वन विभाग ने क्या बताए कारण

दिल्ली सरकार के वन विभाग ने दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में स्थित कुसुमपुर पहाड़ी में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा स्लम पुनर्विकास और पुनर्वास परियोजना के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी है। इसका खुलासा एनजीटी में दाखिल रिपोर्ट में हुआ।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। निखिल पाठकTue, 15 April 2025 06:20 AM
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वसंत विहार में DDA को झटका, इस योजना को नहीं मिली मंजूरी; वन विभाग ने क्या बताए कारण

दिल्ली सरकार के वन विभाग ने दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में स्थित कुसुमपुर पहाड़ी में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा स्लम पुनर्विकास और पुनर्वास परियोजना के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी है। इसका खुलासा, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दिल्ली सरकार के वन एवं वन्यजीव विभाग की ओर से दाखिल एक रिपोर्ट में किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुसुमपुर पहाड़ी इलाका रिज क्षेत्र के अधीन है और वन व वन्यजीव विभाग या रिज प्रबंधन बोर्ड ने परियोजना को कोई अनुमति नहीं दी है। वन विभाग ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष दायर रिपोर्ट में साफ किया है कि बिना भू-अभिलेख (भूमि के रिकॉर्ड या दस्तावेज) और स्थल के भौगोलिक निर्देशांकों के परियोजना क्षेत्र की पहचान संभव नहीं है, इसलिए योजना को स्वीकृति नहीं दी जा सकती।

अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए दस्तावेज

वन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस परियोजना की वैधता पर निर्णय लेने के लिए संबंधित जमीन के खसरा नंबरों के साथ-साथ केएमएल फाइल और स्थल निर्देशांकों की आवश्यकता है, जो अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। विभाग ने इसे अत्यंत आवश्यक विषय मानते हुए संबंधित एजेंसियों को जानकारी मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा है।

संस्था ने दायर की थी याचिका

इस मामले में सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण, परंपरा और राष्ट्रीय जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सोसायटी (एसपी-चेतना) नामक संस्था ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। संस्था ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) माडल पर प्रस्तावित इस पुनर्विकास को पर्यावरणीय मानकों के विरुद्ध बताते हुए चुनौती दी।

अरावली अधिसूचना का उल्लंघन बताया

वन विभाग के अनुसार, जिस भूमि पर यह पुनर्विकास योजना प्रस्तावित है, वह गैर मुमकिन पहाड़ (विकास योग्य भूमि नहीं) श्रेणी में आती है। जहां 1992 की अरावली अधिसूचना के तहत किसी भी प्रकार के निर्माण, सड़क निर्माण, बिजलीकरण या पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध है।

एक झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास की योजना है

कुसुमपुर पहाड़ी में पुनर्विकास योजना दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से अरावली क्षेत्र में एक झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए प्रस्तावित एक योजना है। यह योजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है। इसमें 2800 आवासीय इकाइयों का निर्माण शामिल है।