DDA की जमीन पर दोबारा अतिक्रमण तो अधिकारियों पर ऐक्शन, सस्पेंड करने के आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश दिया है कि DDA की भूमि पर फिर से अतिक्रमण होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए।

डीडीए की जमीन पर होने वाले अतिक्रमण का खामियाजा अब अधिकारियों को भुगतना होगा। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मयूर नेचर पार्क परियोजना से जुड़े ऐसे ही मामले में डीडीए स्टाफ, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर दिया। एलजी ने कहा कि नए सिरे से या दोबारा अतिक्रमण की किसी भी घटना पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
यह कार्रवाई निलंबन और विभागीय जांच की सामान्य प्रक्रिया के अतिरिक्त होगी। बयान में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने डीडीए को इन अधिकारियों के खिलाफ जांच की विस्तृत रिपोर्ट सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।
राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि मयूर विहार फेज-1 से एनएच-24 तक के हिस्से में डीडीए मयूर नेचर पार्क परियोजना पर काम कर रहा है। यह परियोजना यमुना के बाढ़ क्षेत्र के कायाकल्प के लिए महत्वपूर्ण है।
जून 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट और एनजीटी के निर्देश पर यहां पर अतिक्रमण अभियान चलाया गया था। इस अभियान में लगभग 390 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। बड़े पैमाने पर की गई इस कार्रवाई के बावजूद यह पाया गया कि डीडीए के अधिकारियों ने फिर अतिक्रमण की अनुमति दे दी है।
इसको लेकर अधिकारियों और बाहरी लोगों के बीच मिलीभगत की बातें कहीं गईं। राजनिवास सूत्रों ने बताया कि इस तरह की लापरवाही से न केवल डीडीए को अदालत और एनजीटी द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ता है, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी भारी वित्तीय क्षति पहुंचती है।
जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए विभागीय जांच शुरू की गई है। जिस जमीन पर फिर से अतिक्रमण किया गया है, वह डीडीए की मयूर नेचर पार्क परियोजना का हिस्सा है। यह यमुना बाढ़ के मैदान के कायाकल्प के लिए महत्वपूर्ण है।