पलूशन कम करने के लिए दिल्ली की रेखा सरकार ने क्या किए इंतजाम, बजट में दिए कितने करोड़?
Delhi Budget: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने मंगलवार को एक लाख करोड़ रुपये का वित्त वर्ष 26 का बजट पेश किया। इसमें यमुना सफाई, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचा, जल और कनेक्टिविटी के मुद्दों पर फोकस किया गया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। इस बजट में सड़क, बिजली और पानी समेत 10 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दिल्ली की बड़ी समस्याओं में से एक पलूशन से निपटने के लिए बजट में बड़ा ऐलान किया गया है। दिल्ली सरकार ने इस बजट में पलूशन को कम करने के लिए 300 करोड़ का बजट रखा है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने अपने 138 मिनट के भाषण में इस बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि अब भ्रष्टाचार का दौर खत्म हो गया है।
दिल्ली की सीएम ने राष्ट्रीय राजधानी में पलूशन की रोकथाम के लिए कई ऐलान किए हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली में पलूशन लेवल बताने के लिए मॉनिटर लगाए जाएंगे। साथ ही एयर मॉनिटरिंग सेंटर बढ़ाए जाएंगे। रेखा गुप्ता सरकार ने बजट में पलूशन को कम करने के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया है।
दिल्ली में वायु-जल और ध्वनि तीनों ही तरह के प्रदूषण की रोकथाम एक ही जगह से होगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पहले बजट में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने प्रदूषण की रोकथाम और पर्यावरण को बेहतर बनाने की योजनाओं के लिए लगभग आठ सौ करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया।
दिल्ली की प्रमुख समस्याओं में प्रदूषण को शामिल किया जाता है। साल में कई दिन ऐसे होते हैं जब वायु प्रदूषण के चलते लोगों के लिए सांस लेना भी मुहाल होने लगता है। स्कूल-कॉलेज तक बंद करने की नौबत आ जाती है। वायु प्रदूषण के साथ-साथ ही जल प्रदूषण भी लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। जबकि, दिल्ली में कई जगहें ऐसी हैं जहां पर ध्वनि (शोर-शराबे) का स्तर निर्धारित सीमाओं से कई गुना ज्यादा रहता है।
इन तीनों ही तरह के प्रदूषण की निगरानी और रोकथाम अभी तक अलग-अलग केन्द्रों द्वारा की जाती थी। लेकिन, अब मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक ही कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की घोषणा की है। वायु-जल और ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ उन्होंने ठोस कचरा निस्तारण को भी शामिल किया है। क्योंकि, अक्सर ही ठोस कचरे में लगने वाली आग के चलते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की निगरानी का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। दिल्ली में अभी कुल मिलाकर 40 जगहों पर वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। मुख्यमंत्री गुप्ता ने छह अन्य जगहों पर भी वायु गुणवत्ता की वास्तविक समय में निगरानी केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की। दिल्ली सरकार ने बजट में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन क्षेत्र को मजबूती देने की ओर एक बड़ा कदम उठाया है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में 5000 नई इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी। इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। ट्रैफिक जाम से होने वाले पलूशन को कम करने की दिशा में भी कदम उठाया गया है। सरकार ने दिल्ली में ट्रैफिक जाम से निपटने और सड़क परिवहन को मजबूत करने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को मजबूती प्रदान करने को लेकर भी कदम बढ़ाए हैं। दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए 2929 करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया है। यही नहीं ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हर घर को पीएम सूर्य योजना के तहत 78 हजार रुपए की सब्सिडी की बात कही गई है। यानी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर लोगों को सरकार की ओर से 78000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।