Fake doctor arrested after 9 years on run for botched surgery that led to patient death दिल्ली में मरीज की जान लेने वाली 12वीं पास डॉक्टर 9 साल बाद पकड़ी गई, Ncr Hindi News - Hindustan
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दिल्ली में मरीज की जान लेने वाली 12वीं पास डॉक्टर 9 साल बाद पकड़ी गई

12वीं पास इस फर्जी डॉक्टर ने एक प्रेग्नेंट महिला की सर्जरी कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, पीटीआईWed, 9 April 2025 05:00 PM
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दिल्ली में मरीज की जान लेने वाली 12वीं पास डॉक्टर 9 साल बाद पकड़ी गई

एक तरफ जब मध्य प्रदेश में 'डॉक्टर जॉन कैम' पर लगे आरोपों से देश हैरान है, वहीं दिल्ली में 9 साल बाद एक फर्जी डॉक्टर पुलिस के गिरफ्त में आई है। 12वीं पास इस फर्जी डॉक्टर ने एक प्रेग्नेंट महिला की सर्जरी कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। बुधवार को क्राइम ब्रान्च के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी जमानत पर बाहर निकलने के बाद फरार हो गई थी।

अधिकारी ने बताया कि 48 साल की आरोपी संगम विहार की रहने वाली है और उसे ग्रेटर कैलाश-II से पकड़ा गया। यहां वह एक बुजुर्ग के केयरटेकर के रूप में काम कर रही थी। महिला ने बिहार से बीएएमएस की फर्जी डिग्री हासिल की थी और 2008 में विकास नगर में अपना क्लीनिक खोला था।

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पुलिस ने बताया कि केवल 12वीं तक पढ़े होने के बाद भी उसने डॉक्टर के रूप में क्लीनिक चलाया। वह स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करने लगी। 2009 में रमेश कुमार नाम का एक शख्स गर्भवती पत्नी को पेट में दर्द की शिकायत होने पर उस क्लीनिक में ले गया।

एफआईआर के मुताबिक आरोपी ने उसे कुछ दवा दी और मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। दर्द कम नहीं हुआ तो अगले दिन महिला को फिर उसके पास लाया गया। मरीज को एडमिट करके आरोपी ने सर्जरी की सलाह दी। डिस्चार्ज किए जाने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। उसे डीडीयू अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

जांच में पता चला कि आरोपी डॉक्टर ने मेडिकल की पढ़ाई नहीं की थी। उसकी डिग्री फर्जी थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। 2016 में वह जमानत पर बाहर निकली, लेकिन इसके बाद जब कोर्ट के सामने पेश नहीं हुई तो फरार घोषित किया गया।

डीसीपी क्राइम ब्रान्च आदित्य गौतम ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना गुनाह कबूल किया। उसने बताया कि 2005-06 में उसने उत्तम नगर में एक डॉक्टर के साथ सहयोगी के रूप में काम किया था। उसने बाद में एक डिग्री की व्यवस्था की और फिर अपना क्लीनिक खोल लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार लोकेशन बदलती रही थी।