बीके अस्पताल में एक सप्ताह में शुरू होगा आईसीयू वार्ड
फरीदाबाद के बीके अस्पताल में एक सप्ताह में आईसीयू वार्ड शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए। इसके अलावा, गर्भवतियों के लिए अल्ट्रासाउंड की...
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। बीके अस्पताल में एक सप्ताह में आईसीयू वार्ड शुरू किया जाएगा। इसे लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने बीके अस्पताल के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए। बीके अस्पताल के साथ सेक्टर तीन व 30 स्थित एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) में भी तीन-तीन बेड का आईसीयू तैयार होगा। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा को ठेके पर दो एनेस्थेटिस्ट (बेहोशी के विशेषज्ञ) नियुक्ति के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व स्टाफ को निजी अस्पताल के वेंटिलेटर ऑपरेटरों द्वारा प्रशिक्षण दिलाने की भी बात कही। इसके लिए जल्द जिले कारपोरेट अस्पताल प्रबंधकों के साथ बैठक होगी।
बता दें कि बीके अस्पताल में तीन एलेस्थेटिस्ट हैं। दोनों की नियुक्ति के बाद पांच हो जाएंगे। वहीं पांच बाल एवं पांच महिला रोग विशेषज्ञ भी आईसीयू चलाने सहयोग करेंगे। आठ बेड का आइसीयू और चार बेड का एचडीयू चलाया जाएगा। डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि इसी प्रकार एफआरयू में तीन-तीन बाल रोग, शिशु रोग, एनेस्थेटिस्ट की नियुक्ति की जाएगी। शाम को भी ऑपरेशन थियेटर चलाने पर दिया जोर इस दौरान डॉ. वीरेंद्र यादव ने बीके अस्पताल में शाम को भी ऑपरेशन थियेटर चलाने पर दिया। इसके तहत उन्होंने कहा कि ऑन कॉल ड्यूटी पर आने वाले चिकित्सकों को पांच हजार रुपये दिया जाएंगे। बता दें कि अभी ऑन काॅल ड्यूटी पर आने वाले चिकित्सक को 3500 रुपये दिए जाते हैं। 24 घंटे होंगे गर्भवतियों के अल्ट्रासाउंड बीके अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाली गर्भवतियों को सस्ती दरों पर अल्ट्रासाउंड जांच करा सकेंगी। इसके लिए डॉ. वीरेंद्र यादव ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा को गर्भवतियों की अल्ट्रासाउड जांच के लिए निजी अस्पतालों को इंपैनल करने के निर्देश दिए। इसके तहत गर्भवतियां स्वास्थ्य विभाग से पर्ची बनवाकर इंपैनल अस्पताल में सस्ती दरों पर अल्ट्रासाउंड जांच करा सकेंगी। चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के आठ उप निदेशक के नेतृत्व 10 टीम जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को जायजा ले रही हैं। इसके तहत गुरुवार को टीम बीके अस्पताल पहुंची थी। उन्होंने बीके अस्पताल स्थित डीईआईसी (डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर) का निरीक्षण किया। इस दौरान सेंटर के इंचार्ज डॉ. जयंत पजनी उपस्थित नहीं थे। उन्होंने कहा कि पूर्व सूचना होने के बाद भी उपस्थित नहीं थे। इसके अलावा उन्हें कुछ आवश्यक उपकरण भी खरीदने थे। उन्होंने वह खरीदें। इसके चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बाद उन्होंने जच्चा-बच्चा वार्ड का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने कम मरीजों को देखकर हैरानी जताई और छह महीने के दौरान हुई डिलीवरी और भर्ती मरीजों की रिकॉर्ड मांगा। इस दौरान उन्होंने कर्मचारी से सीसीपी के बारे में पूछताछ की, लेकिन नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक उत्तर नहीं दे सकीं। आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता को भी तलब किया इसके बाद डॉ. वीरेंद्र यादव ने एनआरसी (न्यूट्रिशन रिहैब्लिटेशन सेंटर) का निरीक्षण किया। यहां पर उन्हें दो महीने का कुपोषित बच्चा उपचाराधीन मिला। बच्चे की मां ने बताया कि उनकी डिलीवरी घर पर ही हुई थी। बच्चे की हालत को देखकर डॉ. वीरेंद्र यादव ने चिंता व्यक्त की और सराय ख्वाजा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एनएमए को स्पष्टीकरण के निर्देश जारी किए। उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर चिकित्सक सहित इन कर्मचारियों को निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रबंध निदेशक भी निरीक्षण के लिए आ सकते हैं।
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