देखभाल के अभाव में खराब हो रहे निगम के गमले
फरीदाबाद में नगर निगम द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए गमले रखरखाव की कमी के कारण खराब हो रहे हैं। कई गमले टूट चुके हैं या क्षतिग्रस्त हैं। लावारिस पशु पौधों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, जिससे हरियाली...

फरीदाबाद। नगर निगम द्वारा शहर के सौंदर्यीकरण के लिए लगवाए जा रहे गमले रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं। कहीं पर गमलों का पौधा टूट चुका है तो कहीं पर गमला ही क्षतिग्रस्त हो गया है। नगर निगम प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने के लिए गमले लगाने की योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत शहर में 1600 गमले लगाए जा रहे हैं। इनमें से काफी गमले शहर में लगा भी दिए गए हैं तो कई जगह अभी लगाए जाने बाकी हैं। ये गमले सड़कों के डिवाइडर, सड़कों के किनारे, बाजार, फ्लाईओवर आदि स्थानों पर रखवाए जा रहे हैं। नीलम फ्लाईओवर की बात करें तो गमले लगने से यहां सौंदर्यीकरण में फर्क पड़ा है। लेकिन, सड़कों और बाजारों में रखे गमलों की हालत खराब हो रही है। किसी गमले का पौधा टूट गया है कहीं पर गमले की हालत खराब है। किसी गमले में मिट्टी ही नजर आ रही है। गुरुग्राम नहर किनारे सेक्टर-तीन पुल से लेकर दिल्ली-आगरा हाईवे के नजदीक तक करीब 71 गमले रखवाए गए हैं। यहां लगे गमलों में हर-भरे पौधों की संख्या सीमित है। काफी पौधों के पत्ते झड़ चुके हैं। कई के पौधे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। एक गमला यहां क्षतिग्रस्त भी नजर आया। इसी तरह यहां गमला कूड़े के बीच रखा दिखा। इसका पौधा गायब था। इससे यह कूड़ेदान की तरह नजर आ रहा था। तिगांव रोड के डिवाइडर भी कई गमलों के पौधे सूख चुके हैं तो टूटे भी चुके थे।
लावारिस पशुओं से गमलों को बड़ा खतरा: लावारिस पशुओं से पौधों को बड़ा खतरा है। लावारिस पशु पौधों के पत्तों को खा जाते हैं । लोगों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन के पौधारोपण या हरियााली बढ़ाने के अभियान में लावारिस पशु सबसे बड़ी बाधा हैं। शहर के प्रत्येक कोने में लावारिस पशु घूम रहे हैं। नगर निगम को इन पशुओं को हटाने का भी अभियान शुरू करना चाहिए, तभी शहर में पौधे लहलहा सकेंगे। लावारिस पशुओं के कारण हरित पट्टी में लगे पौधे भी नहीं पनप पा रहे हैं।
अवैध कूड़े के खत्तों को खत्म करने के लिए बनाई थी योजना: नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक, नगर निगम ने यह योजना सौंदर्यीकरण के साथ-साथ शहर में 100 से अधिक बने कूड़े के अवैध खत्तों के खत्म करने के लिए बनाई थी। इस वजह से अवैध कूड़े के खत्तों पर भी गमले रखवाए गए हैं। लेकिन, लोग गमले रखे होने के बावजूद कूड़ा डालकर जा रहे हैं। इस वजह से निगम के लिए परेशानी बनी हुई है। लोग अपने कूड़े को कूड़े की गाड़ी के बजाय अवैध रूप से बने इन कूड़े के खत्तों पर फेंक रहे हैंं। इससे एक तो गंदगी फैल रही है तो दूसरा, निगम के सफाई अभियान को भी पलीता लग रहा है।
क्या कहते हैं लोग
‘नगर निगम को हरियाली बढ़ाने की योजना बनाने से पहले लावारिस पशुओं को पकड़कर गौशाला भेजना चाहिए। जब तक पशु गौशाला नहीं जाएंगे, तब तक हरियाली बढ़ाने की योजनाओं के सफल होने पर संशय है। ग्रीन बेल्ट से कब्जे भी हटने चाहिए
युगल मित्तल, सामाजिक कार्यकर्ता
‘शहर की अधिकांश ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हैं। दूसरा, शहर में लगाए गए पौधों में से कुछ को लावारिस पशु खा जाते हैं तो कुछ सिस्टम की वजह से मर जाते हैं। निगम ग्रीन बेल्ट को हरी-भरी करेगा तो लोग कूड़ा भी नहीं डाल सकेंगे
बेचू गिरी, श्रमिक नेता
‘सौंदर्यीकरण और कूड़े के अवैध खत्तों को खत्म करने के लिए गमले लगाने की योजना बनाई गई थी। पौधों का रखरखाव और सभी गमलों के सुरक्षित होने पर ही नगर निगम गमले रखने वाली एजेंसी को भुगतान करेगा
विवेक गिल, मुख्य अभियंता, नगर निगम
--
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।