रानी की छतरी की नक्काशी और लाल पत्थर से निखरेगी सुंदरता
विश्व विरासत दिवस: बल्लभगढ़, संवाददाता। ऐतिहासिक धरोहर रानी की छतरी को अब और खूबसूरत

विश्व विरासत दिवस: बल्लभगढ़, संवाददाता। ऐतिहासिक धरोहर रानी की छतरी को अब और खूबसूरत और आकर्षक बनाया जाएगा। पुरातत्व विभाग ने इसके पुन: जीर्णोद्धार के लिए करीब ढाई करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें पत्थर बदलने और नक्काशी का काम शामिल है।
राजा नाहर सिंह की रानी के स्नान और पूजा के लिए बनाई गई ऐतिहासिक रानी की छतरी एक अद्भुत वास्तुकला का नमूना है, जो वर्तमान में पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पहले नगर निगम द्वारा करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया गया था। अब इस स्थल को और खूबसूरत और पर्यटकों के अनुकूल बनाने के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा नई योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत लगभग ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पुरातत्व विभाग के अनुसार छतरी में जहां भी पत्थरों की स्थिति खराब है, वहां लाल पत्थर लगाए जाएंगे और राजस्थान के कुशल कारीगरों द्वारा सुंदर नक्काशी का कार्य किया जाएगा। इससे न केवल इसकी सुंदरता बढ़ेगी बल्कि इसका ऐतिहासिक रूप भी और निखरकर सामने आएगा।
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वास्तुकला का बेमिसाल नमूना
रानी की छतरी एक बारादरी शैली की संरचना है, जो ऊंचे चबूतरे पर स्थित है और चारों ओर स्तंभों से घिरी हुई है। इसका निर्माण चौकोर आधार पर किया गया है। इसकी डिजाइन में इंडो-इस्लामिक और राजपूत वास्तुकला का समावेश देखने को मिलता है। अंदर झरोखे, मेहराब और गुंबद इसे भव्यता प्रदान करते हैं। कोनों पर अष्टकोणीय बुर्ज और छत पर छोटी-छोटी छतरियां इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं।
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रानी का स्नान स्थल और सुरंग
छतरी के पास एक सीढ़ीदार टैंक (तालाब) भी मौजूद है, जहां रानी स्नान करने आया करती थीं। माना जाता है कि बल्लभगढ़ किले से इस स्थान तक एक भूमिगत सुरंग बनाई गई थी, जिससे रानी यहां तक पहुंचती थीं। इस तालाब की दीवारें लाखोरी ईंटों से बनी हैं, जो जल संरक्षण वास्तुकला की मिसाल पेश करती हैं।
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इतिहास और वर्तमान स्थिति
1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने राजा नाहर सिंह को फांसी दी और बल्लभगढ़ के तमाम ऐतिहासिक स्थलों पर कब्जा कर लिया। समय के साथ रानी की छतरी भी खराब हालात में पहुंच गई थी। लेकिन वर्तमान विधायक मूलचंद शर्मा और इंटक के प्रयासों से इसका पुर्नजीर्वन संभव हुआ। वर्तमान में पर्यटक यहां बिना किसी शुल्क के घूम सकते हैं। बस एक रजिस्टर में अपनी एंट्री करनी होती है।
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पर्यटकों के लिए खास आकर्षण
इस स्थल की नक्काशी, स्थापत्य कला और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इसे एक यादगार पर्यटन स्थल बनाती है। रानी की छतरी न केवल बल्लभगढ़ की शाही विरासत की प्रतीक है, बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान का एक अहम हिस्सा भी है।
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वर्जन
रानी की छतरी के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें पत्थर बदलने और नक्काशी का कार्य शामिल है। लगभग ढाई करोड़ रुपये की लागत से इसे और भी आकर्षक बनाया जाएगा।
- मेघश्याम, पुरातत्व विभाग इंचार्ज, बल्लभगढ़
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